facebookmetapixel
Weather Update Today: उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा, जनजीवन अस्त-व्यस्त; मौसम विभाग ने जारी की चेतावनीShare Market Update: बढ़त के साथ खुला बाजार, सेंसेक्स 200 अंक ऊपर; निफ्टी 26 हजार के पारStocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान

जीडीपी और भी कम

Last Updated- December 09, 2022 | 11:02 PM IST

मंदी की वजह से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विकास की हालत और भी पतली होने के आसार हैं। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान देश की जीडीपी विकास दर 7.1 फीसदी रह सकती है।


इससे पहले जीडीपी की विकास दर 7.7 फीसदी अनुमानित की गई थी। परिषद का कहना है कि दुनिया भर में छाई आर्थिक मंदी का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा है। परिषद का कहना है कि वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान भी जीडीपी दर 7 से 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान जीडीपी दर 9 फीसदी रही थी। महंगाई के बारे में परिषद का कहना है कि यह घटकर 4 फीसदी तक आ सकती है।

परिषद ने निवेश की दर भी पिछले वित्त वर्ष से 2.5 फीसदी कम करके आंकी है। परिषद के अनुसार देश में निवेश की दर 35 फीसदी रह सकती है।

First Published - January 23, 2009 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट