अर्थव्यवस्था

FTA: भारत और EAEU की मुक्त व्यापार वार्ता पर बातचीत की पहल, रूस से संबंधों को मिलेगा बल

EAEU समूह में रूस न केवल सबसे बड़ा देश है बल्कि इसकी वित्त वर्ष 23 में भारत के साथ कारोबार में हिस्सेदारी 98 प्रतिशत है।

Published by
श्रेया नंदी   
Last Updated- October 29, 2023 | 11:21 PM IST

भारत ने पांच देशों के समूह यूरेशियन इकनॉमिक यूनियन (ईएईयू) से कारोबार के ताजा आंकड़े मांगे हैं। इस मामले के जानकार सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्षों ने मुक्त व्यापार वार्ता (एफटीए) पर बातचीत की पहल शुरू कर दी है।

ईएईयू में पांच देश रूस परिसंघ, कजाखस्तान, बेलारूस, आर्मिनिया और किर्गिजस्तान हैं। इस समूह में रूस न केवल सबसे बड़ा देश है बल्कि इसकी वित्त वर्ष 23 में भारत के साथ कारोबार में हिस्सेदारी 98 प्रतिशत है। अगर यह समझौता हो जाता है तो इससे भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे।

इस मामले के जानकार सूत्र ने बताया, ‘इस मामले में शुरुआती चर्चा जारी है। भारत ने आकलन करने के लिए पांचों देशों से कारोबार आंकड़े मांगे हैं।’ उन्होंने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘बातचीत जारी है लेकिन यह समय ले रही है।’

इसके अलावा रूस से भारत के निर्यातकों को आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए बातचीत भी जारी है। भारत के निर्यातक कुछ क्षेत्रों जैसे दवा उद्योग में बाधाओं का सामना कर रहे हैं। इस मामले के जानकार ने बताया, ‘इन मुद्दों का हल गति पकड़ने पर बातचीत का दौर आगे बढ़ सकता है।’

भारत और ईएईयू ने कारोबारी बातचीत बढ़ाने के लिए शुरुआती बातचीत शुरू करने का फैसला किया था। दोनों देशों ने मॉस्को में मार्च, 2020 में व्यापार समझौते की संयुक्त भाषा का ढांचा तैयार किया था। लेकिन इसे कोविड-19 के कारण स्थगित कर दिया गया था।

इसके बाद बीते साल जनवरी में दोनों पक्ष ने प्रस्तावित व्यापार समझौते से जुड़े संदर्भ को अंतिम रूपरेखा दी थी। लेकिन रूस और यूक्रेन में संघर्ष छिड़ने के कारण इस कार्य में बाधा खड़ी हुई। विशेषज्ञों के मुताबिक रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण रणनीति ज्यादा बढ़ गई हैं और ऐसे में ईएईयू से कारोबारी समझौते को लिपिबद्ध करना आसान नहीं है।

वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का ईएईयू से कुछ कारोबार 50.3 अरब डॉलर था। इसमें रूस से कारोबार 49.3 अरब डॉलर था। फिर कजाखस्तान (64.1 करोड़), आर्मिनिया (13.53 करोड़ डॉलर), बेलारूस (11.18 करोड़ डॉलर) और किर्गिजस्तान (5.66 करोड़ डॉलर) से व्यापार था।

रूस के साथ व्यापार बढ़ने में मुख्य भूमिका सस्ते कच्चे तेल ने निभाई थी। रूस से सस्ता तेल अधिक मात्रा में आयात होने के कारण दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा बढ़ गया। वित्त वर्ष 23 में भारत ने रूस को केवल 3.1 अरब डॉलर का निर्यात किया था जबकि इस अवधि के दौरान भारत को 43 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ। इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस के साथ बढ़ते व्यापार घाटे पर चिंता जताई थी। उन्हों कहा था कि प्रतिबंध झेल रहे इस देश के साथ मार्केट पहुंच, गैर शुल्क बाधाएं, भुगतान के साथ साथ लॉजिस्टिक्स संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए कार्य किया जाएगा।

मंत्री ने कहा था, ‘हमारे नेतृत्व ने हमें रूस के साथ द्विपक्षीय कारोबार के लिए 30 अरब डॉलर का लक्ष्य 2025 तक के लिए दिया था लेकिन हम इस लक्ष्य को पहले ही हासिल कर चुके हैं। मेरी समझ के अनुसार अप्रैल, 2022 – फरवरी, 2023 के दौरान कुल 45 अरब डॉलर का वास्तविक कारोबार हो चुका है। उम्मीद है कि यह कारोबार बढ़ेगा।’

First Published : October 29, 2023 | 10:21 PM IST