चौथी तिमाही के आंकड़े अनुमानों के मुकाबले हो सकते हैं बेहतर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:21 AM IST

भारत की अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 0.6 से 2.1 फीसदी वृद्घि करने की उम्मीद है। यह अनुमान बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा किए गए सर्वेक्षण में शामिल स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों और अग्रणी रेटिंग एजेंसियों ने जताया है जो सरकार की ओर से जताए गए संकुचन के अनुमान से बेहतर है।
हालांकि, वित्त वर्ष 2021 की समूची अवधि के लिए उन्होंने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7-8 फीसदी का संकुचन आने का अनुमान जताया है। चौथी तिमाही में वृद्घि की वजह मात्रा के लिहाज से व्यापक स्तर पर रिकवरी और साथ ही कम आधार प्रभाव है जबकि पूरे साल के लिए संकुचन मुख्य तौर पर पिछले साल लगे लॉकडाउन के कारण आया है जिस दौरान कई महीनों तक अर्थव्यवस्था बंद हो गई थी।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) 31 मई को चौथी तिमाही के लिए जीडीपी अनुमान और वित्त वर्ष 2021 के लिए अस्थायी अनुमान जारी करेगा।
वित्त वर्ष 2021 की पहली और दूसरी तिमाही में क्रमश: 24.4 फीसदी और 7.3 फीसदी का संकुचन आया था जबकि तीसरी तिमाही में 0.4 फीसदी का संकुचन आया था।
भारतीय स्टेट बैंक ने चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्घि 1.3 फीसदी रहने और वित्त वर्ष 2021 में जीडीपी संकुचन 7.3 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर के कारण अनुमानित आर्थिक नुकसान वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के मुकाबले कम रहने की उम्मीद है क्योंकि लोगों ने घर से काम करना चालू रखा और डिजिटल भुगतानों में तेजी आई।
घोष ने अनुमान जताया कि वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में 6 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ जबकि वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही में 11 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। घोष ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के दौरान वास्तविक जीडीपी नुकसान 4-4.5 लाख करोड़ रुपये का रहेगा और इसलिए वास्तविक जीडीपी वृद्घि 10 से 15 फीसदी रहेगी जबकि भारतीय रिजर्व बैंक ने 26.2 फीसदी का अनुमान जताया था।’
चौथी तिमाही में 1.3 फीसदी की जीडीपी वृद्घि रहने पर भारत अपने आकंड़े जारी करने वाले 25 देशों में पांचवी सबसे तेज वृद्घि करने वाली अर्थव्यवस्था होगी। वृद्घि दर 1.7 फीसदी रहने पर यह चीन के बाद दूसरी सबसे तेज वृद्घि करने वाली अर्थव्यवस्था होगी।
अग्रणी रेटिंग एजेंसियों इक्रा और केयर ने चौथी तिमाही में 2.1 फीसदी और 1.2 फीसदी वृद्घि का अनुमान जताया है।
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘चौथी तिमाही में हम 3 फीसदी की सालाना सकल मूल्य वर्धित (जीवीए) वृद्घि की उम्मीद करते हैं जो तीसरी तिमाही के 1 फीसदी से अधिक है और जीडीपी वृद्घि 2 फीसदी रहने की उम्मीद करते हैं जो तीसरी तिमाही में 0.4 फीसदी से अधिक है। इससे पता चलता है कि देश मंदी के बाद आंशिक तेजी और दोबारा से मंदी की गिरफ्त में जाने के एनएसओ के अनुमान से बच निकलने के लिए तैयार है।’
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि चौथी तिमाही में वृद्घि को सेवाओं में तेजी से मजबूती मिलेगी साथ ही उपभोक्ता सामानों की दबी हुई मांग भी बाहर आई। पिछले वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी के संकुचन की प्रमुख वजह देश में लगाया गया लॉकडाउन है। 

First Published : May 27, 2021 | 11:41 PM IST