वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार भारत के वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के विकास को हर तरह से समर्थन करेगी, जिसमें कराधान, विधायी समर्थन और राज्य प्रशासन के माध्यम सहयोग शामिल है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के जीसीसी बिजनेस समिट में वित्त मंत्री ने कहा, ‘अभी बहुत काम करना बाकी है। साथ ही हमारे लिए बहुत अवसर भी है। सभी के सहयोग से हम कुछ ठोस कदम उठा पाएंगे। मैं आपको विश्वास दिलाती हूं कि भारत सरकार इस पर पूरा ध्यान देगी।’
सीतारमण ने कहा कि भारत को इस लाभ को नहीं गंवाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर व्यवस्था एक मसला था, जिसका सामना जीसीसी को करना पड़ रहा है, इसके लिए पूरी प्रशासनिक और गवर्निंग व्यवस्था को ऊपर से नीचे तक दुरुस्त करने की जरूरत है।
उधर आर्थिक मामलों के विभाग की सचिव अनुराधा ठाकुर ने कहा कि तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे राज्यों की विशिष्ट नीतियों का अध्ययन करने की जरूरत है, जहां वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) विकसित हुए हैं। इससे सरकार द्वारा लक्षित नीतिगत प्रोत्साहन के साथ इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिए बेहतर नीति बनाई जा सकेगी। जीसीसी के अभूतपूर्व विकास को आगे बढ़ाने के लिए भारत के पास प्रमुख प्रतिस्पर्धी लाभ मौजूद हैं।