वित्त वर्ष 23 में निर्यात वृद्धि हो सकती है सुस्त

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 10:38 PM IST

फेडरेशन आफ एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशंस (फियो) ने आज कहा कि कोविड-19 के नए प्रकार के प्रसार और आपूर्ति संबंधी चुनौतियों के कारण भारत से विदेश जाने वाले शिपमेंट की वृद्धि दर 2022-23 में इसके पहले के वित्त वर्ष की तुलना में कम रह सकती है।
भारत का निर्यात अगले वित्त वर्ष में 15-20 प्रतिशत या इससे ज्यादा वृद्धि दर दर्ज करेगा, यह इस बात पर निर्भर है कि पूरे विश्व में महामारी के टीकाक्रण की क्या स्थिति रहती है। निर्यातकों के संगठन ने एक बयान में कहा कि यह जरूरी क्षमता के सृजन पर भी निर्भर होगा।
फियो के अध्यक्ष ए शक्तिवेल ने कहा, ‘कोरोना के नए वैरिएंट और आपूर्ति की ओर से इस समय आ रही चुनौतियों को देखते हुए हम थोड़ा परंपरागत रुख अपना रहे हैं और अगले वित्त वर्ष के दौरान 460-475 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखेंगे।’
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत ने 290.63 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात किया था और चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डॉलर का निर्यात किए जाने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य पूरा होने पर वित्त वर्ष के अंत तक करीब 38 प्रतिशत वृद्धि दर्ज होगी। कुल मिलाकर 400 अरब डॉलर का लक्ष्य हासिल हो जाने की संभावना है।
शक्तिवेल ने कहा, ‘इस तरह से 400 अरब डॉलर के आंकड़े पर 30-35 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य कठिन होगा, खासकर इसके लिए अतिरिक्त निर्यात व क्षमता वृद्धि करने की जरूरत होगी। जिंसों के ज्यादा दाम होने की वजह से वैश्विक व्यापार करीब 22 प्रतिशत बढऩे की संभावना है, जिससे हमारे निर्यात को बहुत ज्यादा मदद नहीं मिलेगी।’
चालू वित्त वर्ष की शुरुआत से ही निर्यात में तेजी रही है, जिसकी वजह विभिन्न अर्थव्यवस्थाएं खुलने से बढ़ी मांग है। भारत ने अपने सालाना निर्यात का दो तिहाई लक्ष्य हासिल कर लिया है। फियो के अध्यक्ष ने आगे कहा कि उन्हें उम्मीद है कि महामारी नियंत्रण में होने के कारण 2022 में वैश्विक खपत धीरे धीरे बढ़ेगी।

First Published : December 23, 2021 | 11:25 PM IST