वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 10वें वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन में कहा कि गिफ्ट सिटी के अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में शेयरों की सीधी सूचीबद्धता जल्द शुरू हो जाएगी और भारत की कंपनियों को दुनिया भर से रकम आसानी से मिल सकेगी।
सीतारमण ने कहा, ‘हम बहुत व्यवस्थित तरीके से इस प्रक्रिया से गुजर रहे हैं और मुझे भरोसा है कि जल्द ही ऐसा हो सकेगा।’गिफ्ट सिटी में ‘आधुनिक भारत की एक आकांक्षा’ सत्र में वित्त मंत्री ने कहा कि आईएफएससी के कंधे पर यह जिम्मेदारी है कि वह भारत के 2047 तक विकसित देश बनने के दृष्टिकोण में वैश्विक द्वार बने।
सरकार ने पिछले साल सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों को गिफ्ट सिटी में आईएफएससी एक्सचेंज पर सीधे खुद को सूचीबद्ध करने की अनुमति देने का फैसला किया था।
मंत्री ने कहा कि भारत के पास अपने नेट जीरो संकल्प (कार्बन उत्सर्जन के लिए)को पूरा करने के लिए 10.1 लाख करोड़ डॉलर का ‘फंडिंग गैप’ है जिसे 2070 तक पूरा किया जाना है।
गिफ्ट सिटी उस अंतर को पाटने में मदद कर सकती है। उन्होंने कहा कि यहां के अधिकारियों को एक मंच तैयार करने के लिए काम करना चाहिए ताकि ‘ग्रीन क्रेडिट’ खरीदा व बेचा जा सके।
आईएफएससी एक्सचेंज में कुल 52.7 अरब डॉलर मूल्य की प्रतिभूतियां सूचीबद्ध हैं, जिसमें 10.18 अरब डॉलर के ग्रीन बॉन्ड, सोशल बॉन्ड, सतत बॉन्ड, सतत सततता से जुड़े बॉन्ड शामिल हैं।
गिफ्ट के अधिकारी नए क्षेत्रों जैसे ब्लेंडेड फाइनैंस और डी रिस्किंग मैकनिज्म, लॉन्गेविटी फाइनैंस के विकल्प तलाश रहे हैं, जिससे संपत्ति प्रबंधन, बीमा, पेंशन मेडिकल टूरिज्म के नए अवसर खुल सकेंगे।