अर्थव्यवस्था

रिन्यूएबल एनर्जी कंपनियों के लिए चुनौतीपूर्ण समय, 20 गीगावाट परियोजनाओं के लिए तलाश रहीं खरीदार

बैंकरों का कहना है कि बिना बिकी संपत्तियों का अंबार लगने से चिंता बढ़ती जा रही है और इन संपत्तियों की कीमत भी कम आंकी जा रही है।

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देव चटर्जी   
श्रेया जय   
Last Updated- October 03, 2024 | 10:02 PM IST

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की करीब 10 अग्रणी कंपनियां 20 गीगावाट क्षमता की परियोजनाओं के लिए खरीदार तलाश रही हैं। परियोजनाओं में कई तरह की अड़चनों का सामना करने के बाद कंपनियां यह कदम उठा रही हैं। इन अड़चनों में बिजली खरीद करार और बिजली आपूर्ति समझौता नहीं होना तथा ट्रांसमिशन के लिए कनेक्टिविटी से जुड़ी चुनौतियां शामिल हैं।

देश में इस समय 150 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तैयार है। जो परियोजनाएं बेचने की कोशिश चल रही है, उनकी क्षमता उद्योग की कुल क्षमता की करीब 13.3 फीसदी है। एक बैंकर ने कहा कि कनाडा की ब्रुकफील्ड भारत में अपनी 1.6 गीगावाट क्षमता बेचने के लिए मलेशिया का एक खरीदार तलाशने में कामयाब रही है। यह परियोजना चालू है और संभावित खरीदार के साथ 1 अरब डॉलर के उद्यम मूल्य पर बातचीत चल रही है। ब्रुकफील्ड के प्रवक्ता ने इस बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया।

बैंकर ने कहा कि रीन्यू पावर भी अपनी सोलर विनिर्माण क्षमता को बेचने की संभावना तलाश रही है। कंपनी इससे मिलने वाली रकम से अपना कर्ज कम करेगी। रीन्यू पावर के प्रवक्ता ने ईमेल के जवाब में कहा, ‘रीन्यू बाजार में चल रही अटकलों के जवाब में कुछ नहीं कहती।’

जेएसडब्ल्यू समूह भी एनआईआईएफ और ब्रिटिश इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट के निवेश वाली कंपनी अयाना रीन्यूएबल पावर का अधिग्रहण करना चाहता है और इसके लिए बातचीत अंतिम दौर में पहुंच गई है। अयाना के पास 5 गीगावाट क्षमता है, जिसमें से कुछ पहले से उत्पादन कर रही है और कुछ निर्माणाधीन है। इस बारे में जानकारी के लिए जेएसडब्ल्यू समूह के प्रवक्ता को ईमेल भेजा गया मगर खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया।

बैंकरों का कहना है कि बिना बिकी संपत्तियों का अंबार लगने से चिंता बढ़ती जा रही है और इन संपत्तियों की कीमत भी कम आंकी जा रही है। इसके अलावा बिजली की कीमत में लगातार आ रही गिरावट से यह जोखिम भी खड़ा हो गया है कि पुरानी क्षमताएं नई परियोजनाओं के साथ होड़ नहीं कर पाएंगी।

नवीकरणीय ऊर्जा बनाने वाली कंपनियां आम तौर पर खरीदारों के साथ बिजली खरीद समझौते (पीपीए) करती हैं और खरीदार उसके बाद वितरकों के साथ बिजली आपूर्ति करार करते हैं। बिजली खरीदारों में सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, एनटीपीसी और एसजेवीएन प्रमुख हैं।

उद्योग के अ​धिकारियों ने कहा कि जो संपत्तियां बिक्री के लिए उपलब्ध हैं, उनमें से कुछ में बिजली महंगी है, कुछ निर्माणाधीन हैं और कुछ के साथ नियामकीय दिक्कतें हैं। नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक अग्रणी कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, ‘बाजार में बिकने के लिए आई अधिकतर परियोजनाओं से बिजली खरीदने के करार अभी तक नहीं किए गए हैं और स्वतंत्र बिजली उत्पादकों के लिए यह बड़ी चुनौती है।

First Published : October 3, 2024 | 10:02 PM IST