थमी रफ्तार, पर चुनौती बरकरार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 10:02 PM IST

महंगाई की मार से बेचैन सरकार को हर मोर्चे पर विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि महंगाई से निपटने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए भी हैं।


इसके तहत खाद्य तेलों पर लगने वाले आयात शुल्क को खत्म करने के साथ ही गैर-बासमती चावल और दाल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी। बावजूद इसके सरकार महंगाई पर पूरी तरह से काबू पाने में सफल नहीं हो पा रही है। वैसे, चालू वित्त वर्ष के पहले सप्ताह में जारी मुद्रास्फीति दर से सरकार को थोड़ी राहत मिल सकती है।


दरअसल, पांच अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह में मुद्रास्फीति की दर 0.27 फीसदी घटकर 7.14 प्रतिशत रह गई है, जबकि पिछले सप्ताह यह 7.41 फीसदी तक पहुंच गई थी। यह गिरावट पिछले आठ हफ्ते से लगातार बढ़ रही मुद्रास्फीति के बाद आई है।


पिछले वर्ष की समान अवधि में मुद्रास्फीिति दर 6.44 फीसदी थी। ऐसे में यह कहना कि महंगाई पर काबू पा लिया गया है, सच नहीं होगा। यही वजह है कि वित्तमंत्री पी. चिदंबरम अभी औैर सख्त कदम उठाने की बात कर रहे हैं, वहीं आरबीआई पर भी दबाव बना हुआ है।


खास बात यह कि थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति दर में गिरावट सब्जियों, दालों, चाय, स्टील, लोहा, नारियल तेल एवं ऑयल केक की कीमतों में तेजी के बावजूद दर्ज की गई है। हालांकि फल, गुड़, एवं खाद्य तेलों की कीमत पिछले सप्ताह के मुकाबले कुछ कम हुई है।

First Published : April 18, 2008 | 1:46 AM IST