Budget 2024: आगामी बजट को लेकर कांग्रेस समेत अन्य राजनीतिक दलों और औद्योगिक संगठनों ने कहा है कि बजट में बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, उद्योग धंधों पर जोर दिया जाए। कांग्रेस ने केंद्रीय बजट से पहले शुक्रवार को कहा कि यदि इसमें बेरोजगारी दूर करने तथा आर्थिक असमानता को कम करने का प्रयास नहीं किया गया तो इस बजट को भी पिछले कुछ वर्षों के बजट की तरह ही ‘विफल’ माना जाएगा।
पार्टी प्रवक्ता और सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत ने यह दावा भी किया कि बजट से पहले देश बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक असमानता, व्यापार असंतुलन जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी।
सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘बजट बनाने से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहले कुछ उद्योगपतियों, बैंकर्स, किसान संगठनों से मुलाकात कर विचार-विमर्श किया है, लेकिन क्या वह उन परिवारों से मिली हैं, जो दिन में तीन वक्त की रोटी नहीं खा पा रहे हैं? क्या वह उन महिलाओं से मिली हैं, जो महंगाई से जूझ रही हैं? क्या वह उन किसानों से मिली हैं, जो फसल का सही दाम पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं? क्या वह उन युवाओं से मिली हैं, जो पेपर लीक से प्रताड़ित हैं? क्या वह असल हिंदुस्तान से मिली हैं?’
कांग्रेस प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि ये स्पष्ट है कि वित्त मंत्री इन वर्गों से नहीं मिली हैं तथा आगामी बजट चंद पूंजीपतियों को और अमीर बनाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बजट आने से पहले ‘गुजरात की टूटती रेलिंग’ (बेरोजगारों की भीड़) और मुंबई में एविएशन क्षेत्र की नौकरियों के लिए लाखों की भीड़, इस सरकार की रोजगार को लेकर पेश की जा रही झूठी दलीलों का पर्दाफाश करती हैं।
दूसरी ओर, दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि बजट में राजधानी में बुनियादी ढांचा विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली केंद्र को इनकम टैक्स के रूप में 2 लाख करोड़ रुपये देती है, लेकिन बदले में पिछले बजट में केंद्र से उसे कुछ नहीं मिला। उद्योग ने उम्मीद जताई कि वित्त मंत्री आगामी बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान देंगी और कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास पर प्रयाप्त धन खर्च किया जाएगा।