चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े जारी होने के अगले ही दिन आज कई बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अपने अनुमान कम कर लिए हैं। इनमें भारतीय स्टेट बैंक, गोल्डमैन सैक्स, सिटीग्रुप और रेटिंग एजेंसी मूडीज शामिल हैं।
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने एक रिपोर्ट में कहा, ‘पहली तिमाही के जीडीपी वृद्धि के आंकड़े दो अंक में रहे मगर यह बाजार की उम्मीद से कम है। विनिर्माण क्षेत्र में इजाफा कम रहने के कारण वृद्धि दर पर असर पड़ा है।’ घोष ने वित्त वर्ष 2023 के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है।
सिटीग्रुप ने भी वित्त वर्ष 2023 के लिए अपना वृद्धि अनुमान पहले के 8 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है। गोल्डमैन सैक्स ने भी वृद्धि का अनुमान 7.2 फीसदी के बजाय 7 फीसदी कर दिया है। डॉयचे बैंक ने कहा कि वृद्धि में नरमी देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक दरों में बढ़ोतरी पर कदम धीमे बढ़ा सकता है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी इस बार के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया है।
