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अपनों का हल्ला बोल

Last Updated- December 05, 2022 | 9:45 PM IST


महंगाई मुद्दे पर सरकार को विपक्ष ही नहीं, बल्कि सहयोगी दलों के भी विरोध का सामना करना पड़ा।


माकपा के बासुदेव आचार्य ने कहा कि सरकार महंगाई रोकने में पूरी तरह विफल रही है। उनका कहना था कि सरकार की उदारवादी नीतियां इसके लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में इन नीतियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की उपेक्षा के कारण यह संकट पैदा हुआ है। सीपीआई के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि सरकार बाजार के आगे झुक सी गई है, यही वजह है कि वह महंगाई पर काबू नहीं कर पा रही है।


इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के उस बयान पर भी नाराजगी जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुद्रास्फीति रोकने में सरकार के सामने कई मुश्किलें हैं। कांग्रेस के सचिन पायलट ने विपक्ष के आरोपों से सरकार को बचाने की पूरी कोशिश करते हुए कहा कि बढ़ती महंगाई का मुख्य कारण वैश्विक है और हमें नहीं भूलना चाहिए कि वैश्विक खाद्य कीमतों में पिछले दिनों 18 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने महंगाई को रोकने के लिए कई जरूरी कदम उठाए हैं। उन्होंने जरूरी वस्तुओं के वायदा कारोबार पर तुरंत रोक लगाने की भी मांग की है।



 

First Published - April 17, 2008 | 1:00 AM IST

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