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Angel tax rules: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप के लिए ऐंजल कर नियमों में और ढील दी है। सीबीडीटी ने परिवर्तनीय तरजीही शेयरों के लिए 10 फीसदी सेफ हार्बर का विस्तार किया है, जो अभी तक केवल इक्विटी शेयरों के लिए प्रस्तावित था। वित्त अधिनियम 2023 में लाए गए ऐंजल कर के तहत विदेशी और घरेलू निवेशकों के लिए गैर-सूचीबद्ध स्टार्टअप में निवेश के लिए मूल्यांकन नियमों की रूपरेखा तैयार करते हुए सीबीडीटी ने यह प्रावधान किया है।
नियमों में अहम बदलाव और अंतिम नियम 25 सितंबर से लागू हो गए हैं। इससे स्टार्टअप को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है क्योंकि हाल के समय में ज्यादातर निवेश परिवर्तनीय तरजीही शेयरों के जरिये ही हुए हैं।
नए नियमों से स्पष्ट है कि स्टार्टअप अब एक तय सीमा तक इक्विटी और अनिवार्य परिवर्तनीय तरजीही शेयरों (शेयरों के उचित बाजार मूल्य का 10 फीसदी) के जरिये पूंजी जुटा सकते हैं। अगर ये ऊपर बताए गए सेफ हार्बर प्रावधान को पूरा करते हैं तो इस तरह के निवेश पर ऐंजल कर नहीं लगेगा। पहले मूल्यांकन में मामूली अंतर होने पर भी ऐंजल कर का प्रावधान था। सरकार ने अब इक्विटी और परिवर्तनीय तरजीही शेयरों में 10 फीसदी तक के अंतर स्वीकार्य माना है।
अधिकतर स्टार्टअप ने 19 मई को सीबीडीटी द्वारा जारी किए गए मूल्यांकन दिशानिर्देश के मसौदे पर चिंता जताई थी। उन्हें डर था कि इससे उनके विदेशी निवेश पर असर पड़ सकता है। स्टार्टअप कंपनियों ने परिवर्तनीय तरजीही शेयरों के लिए सेफ हार्बर सहित कई तरह की रियायत की मांग की थी।
उद्योग के अनुमान के अनुसार स्टार्टअप में करीब 20 अरब डॉलर का निवेश परिवर्तनीय तरजीही शेयरों के जरिये आता है। स्टार्टअप द्वारा निवेशकों को उचित बाजार मूल्य से ज्यादा भाव पर शेयर बेचकर पूंजी जुटाने पर ऐंजल कर लगता है। उचित बाजार मूल्य से ऊपर के शुद्ध निवेश पर यह कर 30.9 फीसदी की दर से वसूला जाता है।
पहले केवल घरेलू निवेशकों के जुटाए गए ऐसे निवेश पर ही ऐंजल कर का प्रावधान था। लेकिन वित्त अधिनियम 2023 में 1 अप्रैल, 24 से प्रवासी निवेशकों को भी इसके दायरे में लाने का प्रावधान किया गया है।
नांगिया ऐंड कंपनी में पार्टनर अमित अग्रवाल ने कहा कि आयकर अधिनियम का अधिसूचित नियम 11यूए 25 सितंबर से प्रभावी हो गया है। इसके तहत गैर-सूचीबद्ध इक्विटी शेयरों के मूल्यांकन प्रक्रिया में व्यापक सुधार किया गया है। इन बदलावों में करदाताओं को अंतरराष्ट्र्रीय स्तर पर स्वीकार्य दृष्टिकोण अपनाने सहित मूल्यांकन तय करने के कई तरीके बताए गए हैं। इससे विदेशी निवेश आकर्षित होगा और कर के बारे में स्पष्टता भी बढ़ेगी।
पीडब्ल्यूसी में पार्टनर भाविनी शाह ने कहा कि मूल्यांकन तथा मूल्य निर्धारण के लिए कई विकल्प उपलब्ध होने से स्टार्टअप को विदेशी निवेशकों से पूंजी जुटाने में मदद मिलेगी।