अर्थव्यवस्था

Green Hydrogen उद्योग को 2 अरब डॉलर का प्रोत्साहन

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एजेंसियां
Last Updated- December 28, 2022 | 12:21 AM IST

उत्सर्जन में कटौती करने और क्षेत्र में एक प्रमुख निर्यातक बनने के लिए भारत ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) उद्योग के लिए 2 अरब डॉलर प्रोत्साहन कार्यक्रम की योजना बना रहा है। तीन सूत्रों ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और नवीकरणीय ऊर्जा में काम करने वाले एक उद्योग प्रबंधक ने कहा कि 180 अरब रुपये (2.2 अरब डॉलर) के प्रोत्साहन का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में ग्रीन हाइड्रोजन की उत्पादन लागत को पांचवें हिस्से तक कम करना है। उन्होंने कहा कि यह उद्योग के पैमाने को बढ़ाकर ऐसा करेगा।

प्रबंधक ने कहा कि अभी भारत में मौजूदा कीमत 300 रुपये से लेकर 400 रुपये प्रति किलो तक है। अमेरिका और यूरोपियन संघ पहले ही ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर की प्रोत्साहन की अनुमति दे चुके हैं। हाइड्रोजन का इस्तेमाल ईंधन के रूप में भी किया जा सकता है। यह एक विद्युत प्रक्रिया, इलेक्ट्रोलिसिस के साथ पानी को विभाजित करके बनाया जाता है। जो उपकरण इलेक्ट्रोलाइजर, नवीकरणीय ऊर्जा द्वारा संचालित होते हैं उनके उत्पाद को ग्रीन हाइड्रोजन कहा जाता है। यह ग्रीनहाउस उत्सर्जन से मुक्त ईंधन है।

सरकारी अधिकारी ने कहा कि 1 अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए 1 फरवरी के बजट में भारतीय सहायता की घोषणा की जा सकती है। बजट प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए सभी स्रोतों के नाम बताने से मना कर दिया गया। नवीकरणीय ऊर्जा और वित्त मंत्रालयों ने रॉयटर्स द्वारा भेजे गए प्रश्नों का उत्तर नहीं दिया। भारतीय कंपनियां जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडियन ऑयल, एनटीपीसी, अदाणी एंटरप्राइजेज, जेएसडब्ल्यू एनर्जी और एक्मे सोलर की ग्रीन हाइड्रोजन को लेकर बड़ी योजनाएं हैं। दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स अदाणी समूह के गौतम अदाणी ने जून में कहा था कि वह और फ्रांस की टोटाल एनर्जी संयुक्त रूप से ‘दुनिया का सबसे बड़ा हरित हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र’ बनाएंगे।

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उद्योग प्रबंधक और एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत सरकार को उम्मीद है कि उद्योग 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन और इसके व्युत्पन्न ग्रीन अमोनिया में 8 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा। अक्षय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके नाइट्रोजन को हाइड्रोजन के साथ मिलाकर ग्रीन अमोनिया बनाया जाता है। इसका उपयोग उर्वरक उद्योग द्वारा या ईंधन के रूप में किया जा सकता है।

प्रबंधक और सरकारी अधिकारी ने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन प्रस्ताव को ‘ग्रीन हाइड्रोजन ट्रांज़िशन (साइट) के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप’ कहा जा सकता है और पांच साल के लिए इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण के लिए 45 अरब रुपये और तीन साल के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया उत्पादन के लिए 135 अरबरुपये में विभाजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए प्रोत्साहन राशि तीन साल के लिए 50 रुपये प्रति किलो होने की संभावना है।

First Published : December 28, 2022 | 12:12 AM IST