रकम की कथित हेराफेरी मामले में बाजार नियामक सेबी के खिलाफ ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के मानद चेयरमैन सुभाष चंद्रा की याचिका पर मंगलवार को प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) में सुनवाई टल गई। चंद्रा के वकील ने और समय मांगा जिसका सेबी के वकील ने विरोध किया।
चंद्रा की कानूनी टीम ने पंचाट से बाद की तारीख देने का अनुरोध किया लेकिन सेबी के वकील ने कहा कि पीठ को इस पर अंतिम विस्तार के तौर पर विचार करना चाहिए और इसके लिए विभिन्न घटनाक्रम और 73 वर्षीय मीडिया दिग्गज के आरोपों का उदाहरण दिया। अब इस मामले पर सितंबर के आखिर तक सुनवाई हो सकती है।
चंद्रा ने सोमवार को सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच की आलोचना की और नियामक पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उनका आरोप है कि एक बैंक के चेयरपर्सन की तरफ से उनके पास भेजे गए एक व्यक्ति मंजीत सिंह ने फरवरी में उनसे संपर्क कर सेबी के पास सभी लंबित मामलों का निपटारा कुछ लेनदेन के जरिये करने की बात कही थी।
अगस्त 2023 में सेबी ने चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका को समूह की चार फर्मों में अहम पद लेने से रोक दिया था। जून 2023 में नियामक ने एस्सेल समूह की फर्म शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी के प्रवर्तकों पर धोखाधड़ी और रकम की हेराफेरी का आरोप लगाया था। पिता और पुत्र ने राहत के लिए सैट में अलग-अलग अपील दाखिल की है।
जून में बंबई उच्च न्यायालय ने चंद्रा को निर्देश दिया था कि वह बाजार नियामक की तरफ से मांगे जा रहे दस्तावेज और सूचनाएं दे और रकम की कथित हेराफेरी मामले में जारी समन का जवाब दे। चंद्रा ने उच्च न्यायालय में सेबी की तरफ से जारी समन के खिलाफ याचिका दी थी।
सूत्रों ने दावा किया कि सेबी की जांच से पता चलता है कि ज़ी की तरफ से रकम की हेराफेरी पहले के अनुमान से काफी ज्यादा है। नियामक इस मामले में चंद्रा और उनके बेटे पुनीत गोयनका को नया कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया में है।
ज़ी के प्रवर्तकों की कंपनी मे हिस्सेदारी 4 फीसदी से भी कम है, वहीं 96 फीसदी स्वामित्व सार्वजनिक शेयरधारकों के पास है। ज़ी एंटरटेनमेंट का शेयर मंगलवार को 3 फीसदी से ज्यादा टूट गया।