साल 2017 में शुरू की गई साझा इलेक्ट्रिक वाहन मोबिलिटी कंपनी युलु ने तीन करोड़ डॉलर का वार्षिक आवर्ती राजस्व (एआरआर) पार कर लिया है और एबिटा के लिहाज से अब वह लाभ में आ गई है। क्विक-कॉमर्स श्रेणी की बढ़ती मांग की बदौलत ऐसा हुआ है। कंपनी ने आज यह जानकारी दी।
बेंगलूरु की स्टार्टअप कंपनी अब साल 2025 तक 1,00,000 ईवी उतारने की योजना बना रही है। इस विस्तार के लिए कंपनी अगले 12 महीने में सीरीज सी ऋण और इक्विटी फंडिंग से 10 करोड़ डॉलर जुटाएगी। वह दो से तीन साल में आईपीओ लाने पर भी विचार कर रही है। युलु इक्विटी पूंजी में 12.3 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम जुटा चुकी है।
इसमें युमा के लिए 5.2 करोड़ डॉलर की राशि भी शामिल है। इसके निवेशकों में बजाज ऑटो, मैग्ना इंटरनैशनल, ब्लूम वेंचर्स, 3वन4 कैपिटल, वेवमेकर, इनक्यूबेट फंड, रॉकेटशिप डॉट वीसी और अन्य संस्थागत और एंजेल निवेशक शामिल हैं।
युलु ने यूएस इंटरनैशनल डेवलपमेंट फाइनैंस कॉरपोरेशन (डीएफसी) और नॉर्दर्न आर्क से 1.2 करोड़ डॉलर के ऋण सहायता भी हासिल की है। फरवरी में उसने मौजूदा रणनीतिक निवेशकों मैग्ना और बजाज ऑटो लिमिटेड को शेयर जारी करके इक्विटी फंडिंग में 1.925 करोड़ डॉलर (160 करोड़ रुपये) हासिल किए थे।