सोशल मीडिया कंपनी व्हाट्सएप (WhatsApp) के टॉप हेड ने शुक्रवार को फाइनैंशियल टाइम्स की उस रिपोर्ट का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि मेटा (Meta) प्लेटफॉर्म के स्वामित्व वाला मैसेजिंग प्लेटफॉर्म रेवेन्यू बढ़ाने के लिए विज्ञापन देने की संभावना तलाश रहा है। यह जानकारी समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने दी।
व्हाट्सऐप के हेड विल कैथार्ट (Will Cathcart) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर FT को टैग करते हुए एक पोस्ट में कहा, ‘यह कहानी झूठी है। हम ऐसा नहीं कर रहे हैं।’
रिपोर्ट में कहा गया है कि Meta की टीमें इस बात पर चर्चा कर रही थीं कि व्हाट्सएप चैट स्क्रीन पर कॉन्टैक्ट्स के साथ चैट की लिस्ट में विज्ञापन दिखाए जाएं या नहीं, लेकिन मामले से परिचित लोगों का हवाला देते हुए कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया था।
FT ने रिपोर्ट में आगे कहा था कि Meta इस बात पर भी विचार कर रही है कि ऐप को ऐड फ्री यूज करने के लिए सब्सक्रिप्शन फीस लिया जाए या नहीं।
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एक बयान में, WhatsApp ने FT को बताया, ‘हम हमारी कंपनी में किसी के साथ हुई हर बातचीत का हिसाब नहीं दे सकते, लेकिन हम इसकी टेस्टिंग नहीं कर रहे हैं, न ही इस पर काम कर रहे हैं और यह बिल्कुल भी हमारी योजना नहीं है।’ FT ने यह भी कहा था कि कंपनी के कई अंदरूनी सूत्र इस कदम के खिलाफ हैं।
बता दें कि Facebook ने व्हाट्सएप को 2014 में 19 अरब डॉलर में खरीदा था, जो अब मेटा का हिस्सा बन गया है। व्हाट्सऐप की तरफ से कभी भी किसी तरह का पैसा चैट करने के लिए नहीं लिया गया।
Meta पहले से ही व्हाट्सएप से राजस्व बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। इसके CEO मार्क जुकरबर्ग ने पिछले साल कहा था कि व्हाट्सएप और मैसेंजर कंपनी की सेल्स ग्रोथ को लेकर कदम उठाएंगे।
WhatsApp के Business एप्लिकेशन ने इस साल जून तक अपने प्लेटफॉर्म पर 20 करोड़ यानी 200 एप्लिकेशन से अधिक यूजर्स को सेवाएं प्रदान कीं, जो लगभग तीन साल पहले के मुकाबले चार गुना ज्यादा है।
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