कंपनियां

संकट में घिरी Vodafone Idea राहत के लिए पहुंची सुप्रीम कोर्ट, AGR पेनाल्टी को लेकर दाखिल की याचिका

साल 2019 के अपने फैसले में जो कंपनी पर जो पेनाल्टी लगाई थी, वो और उसके ब्याज का अमाउंट इतना ज्यादा है कि कंपनी अगर उसे चुकाने का प्रयास करती है तो ऐसे में कंपनी के लिए खतरा है

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- October 10, 2023 | 2:07 PM IST

संकट में घिरी वोडाफोन आईडिया ने राहत ने लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक क्यूरेटिव पिटिशन फाइल की है। इस याचिका में कंपनी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2019 के अपने फैसले में जो कंपनी पर जो पेनाल्टी लगाई थी, वो और उसके ब्याज का अमाउंट इतना ज्यादा है कि कंपनी अगर उसे चुकाने का प्रयास करती है तो ऐसे में कंपनी के वजूद के लिए ही खतरा हो सकता है।

इस याचिका में कोर्ट से गुहार लगाते हुए कंपनी ने कहा गया है कि पहले से आर्थिक मुश्किल में गुजर रही कंपनी के लिए इतना बड़ा अमाउंड देना मुमकिन नहीं है। साथ ही कंपनी ने ये भी दलील दी कि मौजूदा आर्थिक संकट के चलते कंपनी को खुद को बचाना ही मुश्किल हो रहा है।

पोनेंट प्रिंसिपल अमाउंट के मुकाबले काफी ज्यादा

कंपनी ने ये भी कहा कि जो अमाउंट उसे देना है वो दो कंपोनेंट प्रिंसिपल अमाउंट के मुकाबले काफी ज्यादा हैं। कंपनी ने गुहार लगाते हुए कोर्ट से ये भी कहा कि वो लाइसेंस फीस लगाए जाने को चुनौती नहीं कर रही है। कंपनी की मानें तो Vi ने यह याचिका इसलिए दायर की है, क्योंकि फैसले में गंभीर न्यायिक गलतियां (Serious Jurisdictional errors) हैं। मनीकंट्रोल की खबर के अनुसार, याचिका में कंपनी ने कोर्ट से दो आधारों पर फैसले पर दोबारा विचार करने की मांग की है।

ये भी पढ़ें- Vodafone Idea पर एक और संकट, Vi के 22.83 करोड़ ग्राहकों पर पड़ेगा असर

क्यों फैसले पर पुनर्विचार करने को कह रही कंपनी

कंपनी ने जिस आधार पर कोर्ट से पुनर्विचार की अपील है उसमें ये फैक्ट्स शामिल हैं- कोर्ट के फैसले के अनुसार, डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) की तरफ से भेजी गई डिमांड फाइनल होगी, भले ही उसमें बकाया अमाउंट के कैलकुलेशन में किसी तरह की क्लेरिकल या अर्थमेटिकल एरर हो। इसका मतलब है कि डिमांड अमाउंट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जा सकता है। यानी कि इसका मतलब यह भी है कि इस तरह की गलतियां होने के बावजूद कंपनी अमाउंट चुकाने को बाध्य होगी।

ये भी पढ़ें- Vodafone Idea ने ATC के साथ मिलकर OCD को रिडीम करने की आखिरी तारीख में किया बदलाव

पेनाल्टी और इंटरेस्ट लगाना बहुत कठोर कदम

कंपनी ने अपने बचाव में दलील दी है कि ‘पेनाल्टी पर पेनाल्टी और इंटरेस्ट लगाना बहुत कठोर कदम है और इससे कंपनी का वजूद ही खतरे में पड़ सकता है। लाइसेंस फी के पेमेंट में देरी पर लगाया गया इंटरेस्ट रेट इतना ज्यादा है कि यह अपने आप में एक पेनाल्टी जैसा है।’ कंपनी इतनी भारी रकम चुकाने में अपना वजूद ही खो सकती है ।

First Published : October 10, 2023 | 1:34 PM IST