विस्तारा ने सोमवार को अपने स्थायी ग्राउंड स्टाफ के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) पेश की है। इसके दो सप्ताह पहले एयर इंडिया ने भी इसी तरह की योजना की घोषणा की थी। टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के 51:49 वाले संयुक्त उपक्रम विस्तारा के इस साल के अंत तक एयर इंडिया में विलय होने की उम्मीद है।
सोमवार को अपने कर्मचारियों को भेजे गए संदेश में विस्तारा ने कहा कि विमानन कंपनी में 5 साल तक लगातार स्थायी ग्राउंड स्टाफ के तौर पर कार्यरत कर्मचारी वीआरएस योजना में शामिल हो सकते हैं। मगर यह स्पष्ट किया गया है कि 31 मार्च तक सेवानिवृत्त होने वाले पायलट, केबिन क्रू सदस्य और अन्य लाइसेंस धारक कर्मचारी वीआरएस योजना में शामिल नहीं हो सकते हैं। कंपनी ने पांच साल से कम अनुभव वाले स्थायी ग्राउंड स्टाफ के लिए स्वैच्छिक त्याग योजना (वीएसएस) की भी घोषणा की है।
विस्तारा और एयर इंडिया की योजना में कोई अंतर नहीं था। एयर इंडिया ने 17 जुलाई को 5 साल और उससे अधिक अनुभव वाले स्थायी ग्राउंड स्टाफ के लिए वीआरएस और उससे कम सेवारत कर्मचारियों के लिए वीएसएस की घोषणा की थी। एयर इंडिया की योजना की समयसीमा 16 अगस्त तक है जबकि विस्तारा की योजना की मियाद 23 अगस्त को पूरी हो रही है।
विस्तारा ने सोमवार को कहा कि जो कर्मचारी इस योजना में शामिल होंगे उन्हें ग्रेच्युटी, भविष्य निधि, बची हुई छुट्टियों के लिए एकमुश्त रकम भी कंपनी नीति और सरकारी नियमों के अनुसार दी जाएगी। कंपनी ने कहा है कि एक्स-ग्रेशिया की गणना भी की जाएगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने कंपनी द्वारा भेजे गए संदेश को देखा है। विस्तारा ने इस पर टिप्पणी के लिए किए गए अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया।
सूत्रों ने बताया कि दोनों विमानन कंपनियों के कुल 25 हजार कर्मचारियों में से करीब 500 से 600 कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने अथवा अलग होने की संभावना है। विमानन कंपनियां अधिक से अधिक कर्मचारियों को बरकरार रखने की हर संभव कोशिश कर रही हैं। कुछ कर्मचारियों को टाटा समूह की अन्य कंपनियों में शामिल किया जा रहा है। मगर विलय के कारण कुछ पद खत्म हो जाएंगे।