वेदांत समूह (Vedanta Group) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने रविवार को शेयरधारकों को बताया कि समूह निकट भविष्य में अपने तीन मुख्य कारोबारों – जिंक, एल्युमीनियम और तेल एवं गैस की क्षमता दोगुनी करेगा। कंपनी के अधिकारियों और विश्लेषकों ने मीडिया के साथ बातचीत में पूंजीगत व्यय बढ़ाने के अलावा लागत अनुमान हासिल करने और कर्ज को नियंत्रण में रखने का भरोसा जताया।
रविवार सुबह वेदांत लिमिटेड के शेयरधारकों को भेजे अपने संबोधन में अग्रवाल ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अपनी सहायक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में उत्पादन स्तर को दोगुना करने, केयर्न ऑयल ऐंड गैस में तेल उत्पादन बढ़ाकर प्रतिदिन तीन लाख बैरल करने और अपने एल्युमीनियम स्मेल्टर की क्षमता बढ़ाकर सालाना 30 लाख टन करने का है।’
अग्रवाल के बताए कुछ क्षमता विस्तार अलग-अलग चरण में हैं। जिंक अभी योजना के स्तर पर है। उदाहरण के लिए जिंक खनन की क्षमता बढ़ाकर 20 लाख टन करने की योजना के बारे में हिंदुस्तान जिंक (एचजेडएल) के अधिकारियों ने विश्लेषकों को बताया कि उत्पादन बढ़ाने के पहले चरण के तहत कंपनी अब खनन विकास शुरू करने के लिए नियुक्त किए जाने वाले खनन ठेकेदारों के साथ चर्चा की तैयारी कर रही है।
एल्युमीनियम कारोबार (बालको) में विस्तार के तहत वेदांत के निदेशक मंडल ने शुक्रवार को प्रतिबद्ध पूंजीगत व्यय को पहले के स्वीकृत 9,247 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 11,816 करोड़ रुपये करने को मंजूरी दी।
वेदांत के अधिकारियों ने कहा कि पूंजीगत व्यय में यह वृद्धि ‘काम पूरा करने की लागत’ और रुकावटें दूर करके क्षमता के अवसरों को बढ़ाने के लिए है। वेदांत के निदेशक मंडल ने अपनी छत्तीसगढ़ इकाई में बिजली क्षमता बढ़ाने के लिए 5,209 करोड़ रुपये के नए पूंजीगत व्यय को भी मंजूरी दी है।
तेल एवं गैस कारोबार के मामले में कंपनी के अधिकारियों ने शुक्रवार को विश्लेषकों को बताया कि कंपनी गहरे पानी की अपनी पूर्वी तट परियोजना के लिए साझेदारों की तलाश कर रही है, ताकि इससे कमाई की जा सके और साथ ही आगे की खोज में मदद के लिए नया साझेदार लाया जा सके।
नुवामा रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार समूह ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान अपने सभी कारोबारों में 69.5 करोड़ डॉलर खर्च किए हैं और इसके द्वारा स्वीकृत 8.6 अरब डॉलर के कुल पूंजीगत व्यय में से शेष 3.8 अरब डॉलर की राशि अगले कुछ वर्षों में खर्च की जाएगी।
शुक्रवार को विश्लेषकों के साथ बातचीत में वेदांत लिमिटेड के मुख्य वित्तीय अधिकारी अजय गोयल ने वेदांत रिसोर्सेज (वीआरएल) के कर्ज पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘हमारा मानना है कि दूसरी छमाही (वित्त वर्ष 25 की) में ऋण के ब्याज को मुक्त परिचालन नकदी प्रवाह के जरिये चुका दिया जाएगा। वर्ष समाप्त होने के बाद वीआरएल पर करीब 4.6 अरब डॉलर या उससे अधिक (ऋण) रह सकती है।’ उन्होंने कहा कि वर्तमान में वीआरएल का ऋण 4.8 अरब डॉलर है जो एक दशक में सबसे कम है।
हिंदुस्तान जिंक के संबंध में कंपनी के अधिकारी पहले विश्लेषकों को सूचित कर चुके हैं कि उन्हें उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष 2,000 करोड़ रुपये के शुद्ध ऋण के साथ समाप्त होगा। सितंबर तक एचजेडएल का शुद्ध ऋण 5,700 करोड़ रुपये से ज्यादा था।