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किफायती दाम, बढ़िया कलेक्शन: वैल्यू फैशन रिटेलर्स ने FY25 में दिखाई दमदार ग्रोथ, प्रीमियम ब्रांड्स रह गए पीछे

वैल्यु फैशन रिटेल कंपनियों ने मजबूत बिक्री, बेहतर मार्जिन और तेजी से विस्तार के दम पर प्रीमियम ब्रांड्स को पछाड़ा, FY25 में 28% तक की सालाना राजस्व वृद्धि दर्ज की।

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राम प्रसाद साहू   
Last Updated- June 22, 2025 | 10:04 PM IST

सूचीबद्ध वैल्यू फैशन रिटेलर वित्त वर्ष 2025 में प्रीमियम और ब्रांडेड परिधान कंपनियों से आगे रहे और ऊंचे आधार के बावजूद 2025-26 में मजबूत वृद्धि बरकरार रखने के लिए अच्छी स्थिति में हैं। ट्रेंट इसका अपवाद रहा। लेकिन अधिकांश ब्रांडेड और प्रीमियम रिटेलरों ने जनवरी-मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2025 में राजस्व में धीमी वृद्धि दर्ज की।

उनका मजबूत परिचालन प्रदर्शन शेयर के रिटर्न में दिखा। चार वैल्यू फैशन रिटेलरों – विशाल मेगा मार्ट (वीएमएम), वी-मार्ट रिटेल, बाजार स्टाइल रिटेल (स्टाइल बाजार) और वी2 रिटेल ने पिछले तीन महीनों में औसतन 19 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की जबकि प्रीमियम और ब्रांडेड परिधान कंपनियों की वृद्धि 10 प्रतिशत रही।

दलाल पथ इस सेगमेंट पर आशा​न्वित है, जिसका कारण है इसका बड़ा बाजार और असंगठित से संगठित रिटेल की दिशा में जाना। जन बाजार और सस्ते सामान वाला वैल्यू सेगमेंट भारत के परिधान बाजार का 60 प्रतिशत है, जिससे इसका सबसे अधिक दबदबा है। एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च में उपभोक्ता और रिटेल मामलों के विश्लेषक निहाल महेश झाम का कहना है कि इस बदलाव की सबसे बड़ी लाभार्थी वैल्यू फैशन है। इसका आकर्षण किफायती दाम, ट्रेंडी कलेक्शन और बढ़ती गुणवत्ता है। जिस बाजार में कम आय वाले खरीदारों का दबदबा हो, वहां वैल्यू रिटेल दीरेघावधि में अधिक मजबूत दांव है। नुवामा रिसर्च के विश्लेषक राजीव भारती के अनुसार मजबूत बिक्री वृद्धि और ईद के जल्दी आने से चार वैल्यू रिटेलर कंपनियों ने चौथी तिमाही में अपने प्रतिस्प​र्धियों को पीछे छोड़ दिया।

उनके संयुक्त राजस्व में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसे रिटेल क्षेत्र में 16 प्रतिशत की वृद्धि और प्रति वर्ग फुट बिक्री में 11 प्रतिशत की वृद्धि (चौथी तिमाही में 700 रुपये और वित्त वर्ष 2025 में 754 रुपये) से मदद मिली। 

मोतीलाल ओसवाल रिसर्च में आदित्य बंसल के नेतृत्व में विश्लेषकों ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2025 में इन चार सूचीबद्ध वैल्यू रिटेलर कंपनियों ने अपने राजस्व में 24 फीसदी तक का इजाफा दर्ज किया।  उन्हें 16 फीसदी रिटेल एरिया विस्तार और दमदार दो अंक की स्टोर बिक्री वृद्धि से मदद मिली। रिटेल क्षेत्र 60 प्रतिशत की वृद्धि और 29 प्रतिशत स्टोर बिक्री वृद्धि के साथ वी2 सबसे आगे रही, जबकि इसकी सूचीबद्ध प्रतिस्प​र्धियों के लिए यह 12-13 प्रतिशत थी।

 संरचनात्मक अनुकूलताओं ने वित्त वर्ष 2025 को नया आकार दिया। इसकी वजह मझोले, छोटे और कस्बाई  बाजारों में बढ़ती आकांक्षाएं, असंगठित से संगठित खुदरा क्षेत्र की ओर बढ़ते कदम, प्राइवेट लेबल की बढ़ती पैठ और नेटवर्क विस्तार में तेजी रही। 

प्रीमियम खंड में परिणाम मिले-जुले रहे। मदुरा फैशन ऐंड लाइफस्टाइल (आदित्य बिड़ला लाइफस्टाइल ब्रांड्स) ने पिछले साल स्टोरों में बदलाव की प्रक्रिया के कारण 9 प्रतिशत बिक्री वृद्धि दर्ज की। अरविंद फैशन ने ऊंचे एक अंक में राजस्व और मध्यम एक अंक में ​स्टोर बिक्री वृद्धि दर्ज की जो इसके नौ महीने के रुझान को मजबूती देती है। गो फैशन (इंडिया) ने 1,000 रुपये से कम वाले सेगमेंट में सुधार के कारण अपनी स्टोर बिक्री वृद्धि (एसएसएसजी) को 2.1 प्रतिशत तक बढ़ाया, हालांकि संपूर्ण वृद्धि धीमी रही। पेज इंडस्ट्रीज ने दो अंक में वृद्धि दर्ज की। उसे बढ़ती इनरवियर मांग और ​क्विक-कॉमर्स डार्क स्टोरों के स्टॉक करने से मदद मिली। इस बीच, शॉपर्स स्टॉप की स्थिति कमजोर रही और वेदांत फैशन ने अपने दक्षिणी बाजारों में प्रतिस्पर्धा का दबाव महसूस किया। बेहतर मार्जिन ने वैल्यू रिटेलरों की स्थिति को और मजबूत किया है। वित्त वर्ष 2025 में उनके मिश्रित सकल मार्जिन में 50 आधार अंक की वृद्धि हुई और यह 29 प्रतिशत तक पहुंच गया। चौथी तिमाही में बेहतर उत्पाद मिश्रण, ऊंची कीमतों और खरीद दक्षता के कारण 150 आधार अंक का इजाफा हुआ। 

 विशाल मेगामार्ट सबसे आगे रही। उसने निजी लेबल की बड़ी हिस्सेदारी के कारण वित्त वर्ष 2025 में सकल मार्जिन में 80 आधार अंक और चौथी तिमाही में 180 आधार अंक की वृद्धि दर्ज की। सतर्क खरीदारी और मजबूत इन्वेंट्री के कारण उसका परिचालन मार्जिन बढ़कर 8.2 प्रतिशत हो गया। अधिकांश वैल्यू रिटेलरों को मार्जिन में और सुधार की उम्मीद है, क्योंकि नए स्टोरों से कारोबार और परिचालन दक्षता में मजबूती आ रही है। 

First Published : June 22, 2025 | 10:04 PM IST