इस साल त्योहारों के लिए देश भर में गिग कामगारों की भर्तियां जोर पकड़ने वाली हैं। डिजिटल टैलेंट सॉल्यूशंस फर्म एनएलबी सर्विसेज के मुताबिक, त्योहारों के दौरान खुदरा, ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और उपभोक्ता सेवाएं जैसे क्षेत्रों में 2 लाख तक रोजगार पैदा होने के अनुमान हैं। मगर क्विक कॉमर्स और थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में अन्य क्षेत्रों के मुकाबले अधिक रोजगार के अवसर पैदा हो सकते हैंष। इन्हें आपूर्ति श्रृंखला और आखिरी छोर तक डिलिवरी बुनियादी ढांचे में निवेश से बल मिलेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस उछाल से मझोले शहरों और कस्बाई इलाकों की भर्तियों में तेजी आने, महिलाओं की संख्या बढ़ने और अधिक लोगों को काम पर रखे रहने की उम्मीद है, जिसका मतलब है कि अब कार्यबल लंबे अरसे के लिहाज से सोचकर रखा जाता है।
एनएलबी सर्विसेज द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल के मुकाबले इस साल भर्तियों में करीब 20 से 25 फीसदी वृद्धि होगी। नई नौकरियों में 70 फीसदी गिग भूमिकाएं और 30 फीसदी स्थायी नौकरियां होने की उम्मीद है। मगर, पिछले वर्षों के विपरीत इस बार गिग कामगारों की भर्तियों में तेजी महज एक मौसमी उछाल भर नहीं है।
एनएलबी सर्विसेज के मुख्य कार्य अधिकारी सचिन अलग ने कहा, ‘कई बड़ी क्विक कॉमर्स कंपनियां इन बढ़े हुए कर्मचारियों में से 26 फीसदी तक को त्योहारों के बाद भी बरकरार रख सकती है। इससे पता चलता है कि कुछ समय के लिए भर्तियों में उछाल के बजाय बुनियादी तौर पर भर्तियों का हिसाब बदल रहा है। पहले त्योहारों के बाद 70 से 75 फीसदी तक गिग कामगार खाली हो जाते थे। मगर अब उनकी मांग काफी ज्यादा रह सकती है।’ उन्होंने कहा कि 35 फीसदी कारोबार त्योहारों के दौरान होने वाली भर्तियों को अब लंबी अवधि के लिए प्रतिभा हासिल करने की रणनीति का हिस्सा बना रहे हैं।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ पहले हुई बातचीत में टीमलीज के मुख्य कार्य अधिकारी (स्टाफिंग) कार्तिक नारायण ने भी कहा था कि सिर्फ क्विक कॉमर्स कंपनियों में ही गिग कामगारों की भर्तियों में 60 फीसदी तक उछाल आने का अनुमान है, जो 15 से 20 लाख नई भूमिकाएं जुड़ेंगी। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स से जुड़ी लॉजिस्टिक्स भूमिकाएं में भी लगातार वृद्धि होने की उम्मीद है। फिलहाल, ई-कॉमर्स से जुड़ी लॉजिस्टिक्स भूमिकाएं में सभी गिग कामगारों की करीब 35 से 40 फीसदी हिस्सेदारी है।
भर्तियों की रफ्तार बढ़ी है तो कर्मचारी भी खूब आ रहे हैं। मझोले शहरों एवं कस्बाई इलाकों में कामकाज का खर्च भी कम आता है, जिस कारण नई भर्तियां वहां खूब हो रही हैं। एनएलबी सर्विसेज ने कहा, ‘भुवनेश्वर, कोच्चि, इंदौर, सूरत और नागपुर जैसे शहरों में पिछले साल के त्योहारों के मुकाबले इस साल गिग कामगारों की भर्तियों में 30 से 40 फीसदी वृद्धि होने की संभावना है। ये शहर खुदरा और ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए छोटे-मोटे फुलफिलमेंट हब के तौर पर उभर रहे हैं। पिछले साल त्योहारों के दौरान गिग कामगारों की कुल भर्तियों में मझोले शहरों की करीब 47 फीसदी हिस्सेदारी थी।’ कंपनी ने कहा कि यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2026 में बढ़कर 50 फीसदी होने का अनुमान है।
इसके अलावा, इस साल त्योहारों के लिए हो रही भर्तियों में महिला कामगारों की भी अच्छी खासी संख्या है। गिग इकॉनमी, खासकर ग्राहक अनुभव, डिलिवरी, ग्रूमिंग और खाद्य सेवाओं में महिला कार्यबल की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। कंपनी ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025 के मुकाबले इस साल त्योहारों में अल्पकालिक या गिग आधारित भूमिकाएं निभाने वाली महिलाओं की संख्या में 30 से 35 फीसदी तक की वृद्धि होने की संभावना है। मनमुताबिक काम की अवधि, डिजिटल तरीके से भर्ती और एकदम स्थानीय स्तर पर नौकरी मिल जाने के कारण इसे बल मिल सकता है। पिछले साल गिग भर्तियों में 72 फीसदी पुरुष और 28 फीसदी महिलाएं थीं। मगर इस साल के शुरुआती अनुमान शहरी और कस्बाई इलाकों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ने का संकेत दे रहे हैं।’