जरा सोचिए कि आपका मूड अच्छा है और आप नैनो की टेस्ट ड्राइव करना चाहते है।
फरमाइए कि टेस्ट ड्राइव करते समय आपने ज्योंही रिवर्स जे टेस्ट करते हैं, नैनो पलट जाती है। इसके लिए सामान्य कारों में रिवर्स गियर बदलने के लिए एक नियत स्पीड तय की जाती है।
दायें या बायें मुड़ने से पहले रिवर्स गियर इस्तेमाल करने के लिए भी स्पीड की गति निश्चित होती है। अगर आपको याद होगा, तो जब इसी तरह का टेस्ट दायवू मटीज के साथ किया गया था, जो उसमें असफलता हाथ लगी थी। तो जनाब, आप ऐसा कुछ नैनो के साथ नहीं करेंगे (नहीं नहीं, मैं किसी को चैलेंज नहीं कर रहा हूं)।
ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूं क्योंकि रिवर्स गियर और फोर्थ गियर लेते समय स्पीड को नियंत्रित करने के लिए एक मशीन लगी होती है, जिसे ईएमएस या इंजन मैनेजमेंट सिस्टम कहते हैं। अगर रिवर्स में आप बहुत तेजी से कार चलाते हैं, तो ईंधन की आपूर्ति रूक जाती है। इस स्थिति में इंजन में आग लग सकती है, ईंधन की आपूर्ति रूक सकती है और इस वजह से डैशबोर्ड पर अलार्म भी बजने लगता है।
अगर इस लिहाज से नैनो के ईएमएस की बात करें, तो यह काफी अच्छा है। इसके इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट, सेंसर और एक्युएटर्स बॉश (जर्मनी) से मंगाए गए हैं। नैनो की बीएस 2 और बीएस 3 मॉडलों में ईएमएस लगाए गए है, जबकि बीएस 4 में टयूनिंग लगाने की बात पर काम चल रहा है।
अगर सर्विस देने वाले लोगों की तरह सोचें, तो इस कार में 2 सेंटीमीटर का केबुल ही एक कमी के तौर पर सामने आती है। ब्लिंक कोड मेथड दूर दराज इलाके में काफी मददगार साबित हो सकती है, जहां लैपटॉप भी काम करना बंद कर देता है।
अगर ईंधन क्षमता की बात करें, तो अब आप अपने पापा से झूठ नहीं बोल सकते हैं। पहले पांच ड्राइव चक्र में औसत वाहन गति की पूरी जानकारी डाइग्नॉस्टिक टूल में मौजूद रहेगी। अगर आप तेजी से कार चलाते हैं, तो भी आप पकड़े जाएंगे, क्योंकि इसकी पूरी जानकारी भी इसी टूल में दर्ज हो जाएगी। मान लीजिए कि नैनो का सेंसर खराब हो जाता है, तो भी आप लिंप होम मोड पर आधारित सेंसर पर यकीन कर सकते हैं।
