प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
हाल के वर्षों में देसी दवा बाजार के सबसे बड़े सौदों में से एक को अंजाम देते हुए अहमदाबाद की दवा कंपनी टॉरंट फार्मास्युटिकल्स 25,689 करोड़ रुपये के इक्विटी मूल्यांकन पर जेबी केमिकल्स ऐंड फार्मास्युटिकल्स (जेबी फार्मा) में नियंत्रण योग्य हिस्सेदारी हासिल करेगी। टॉरंट निवेश फर्म केकेआर से यह हिस्सेदारी हासिल करेगी और उसके बाद दोनों कंपनियों का विलय होगा।
केकेआर प्राइवेट इक्विटी ने 2024 में भारत में 2 अरब डॉलर का निवेश किया था। हाल में उसने अपनी निजी ऋण शाखा के जरिये मणिपाल समूह में 60 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।
इस सौदे को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण के तहत जेबी फार्मा में केकेआर की 46.39 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया जाएगा। यह सौदा 1,600 रुपये प्रति शेयर भाव से 11,917 करोड़ रुपये का होगा। दूसरे चरण में जेबी फार्मा की 26 फीसदी हिस्सेदारी के लिए आम शेयरधारकों के लिए 1,639.18 रुपये प्रति शेयर भाव पर खुली पेशकश की जाएगी।
कंपनी ने आज जारी एक बयान में कहा, ‘इसके अलावा टॉरंट ने जेबी फार्मा के कुछ कर्मचारियों से 2.8 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने में भी दिलचस्पी दिखाई है। इसके लिए भी केकेआर की तरह ही कीमत होगी।’
सौदे के बाद टॉरंट फार्मा और जेबी फार्मा का विलय इस तरह से किया जाएगा कि जेबी फार्मा के प्रति 100 शेयर के बदले टॉरंट फार्मा के 51 शेयर दिए जाएंगे। दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल ने इस व्यवस्था पर मुहर लगा दी है।
केकेआर ने जुलाई 2020 में जेबी फार्मा के प्रवर्तकों और संस्थापकों से 54 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। यह सौदा करीब 3,100 करोड़ रुपये (प्रति शेयर 745 रुपये) में हुआ था। इसके बाद इस साल मार्च में केकेआर ने एक थोक सौदे के जरिये 1,459.8 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए। केकेआर को इस निवेश पर 5 गुना से अधिक फायदा हुआ।
टॉरंट फार्मा को लगता है कि इस सौदे से उसे एक विविधता वाला स्वास्थ्य देखभाल प्लेटफॉर्म तैयार करने में मदद मिलेगी। जेबी फार्मा औषधीय एवं जड़ी-बूटी आधारित दवा बनाने वाली दुनिया की शीर्ष पांच कंपनियों में शुमार है। टॉरंट फार्मा ने कहा कि इस सौदे से घरेलू दवा बाजार में उसकी उपस्थिति मजबूत हो जाएगी और इसके साथ ही विभिन्न कारोबारी खंडों में उसे तालमेल बैठाने में भी मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए कंपनी ने पहले कहा था कि वह वित्त वर्ष 2026 तक मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) की संख्या में 23 प्रतिशत इजाफा करना चाहती है। अब इस अधिग्रहण से उसे अपने मानव संसाधन की संख्या बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
टॉरंट फार्मा की घरेलू दवा बाजार में 3.74 प्रतिशत हिस्सेदारी है जबकि जेबी फार्मा की हिस्सेदारी 1.12 प्रतिशत है। इस अधिग्रहण से प्रमुख अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कारोबार संगठित होने से अब कारोबार विस्तार में भी मदद मिलेगी।
टॉरंट फार्मा के कार्यकारी चेयरमैन समीर मेहता ने कहा कि वह भविष्य में जे बी फार्मा की विरासत एवं उसके कारोबारी मंचों का फायदा उठाना चाहते हैं। मेहता ने कहा, ‘टॉरंट फार्मा का भारत में मजबूत कारोबार है और जेबी फार्मा का कारोबार भी यहां तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही सीडीएमओ और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मौजूदगी राजस्व और मुनाफा बढ़ाने के अवसर उपलब्ध कराएंगी।’ मेहता ने कहा कि इस सौदे के बाद उन्हें भारतीय दवा बाजार में अपनी मौजूदगी और बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर अधिक वृहद कारोबार खड़ा करने में भी मदद मिलेगी।
जेबी फार्मा के मुख्य कार्याधिकारी एवं पूर्ण कालिक निदेशक निखिल चोपड़ा ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में उनकी कंपनी भारत की सबसे तेजी से उभरती दवा कंपनियों में एक रही है। वित्त वर्ष 2025 में 12 प्रतिशत की वृद्धि के साथ कंपनी का राजस्व 3,918 करोड़ रुपये रहा। कंपनी की आय (ब्याज एवं कर पूर्व) 16 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,087 करोड़ रुपये रही जबकि करोपरांत मुनाफा 19 प्रतिशत बढ़कर 660 करोड़ रुपये हो गया।