रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) ने गुरुवार को गुजरात के जामनगर में अपनी रिफाइनरी चालू की।
इस रिफाइनरी के जरिए देश की कुल कच्चे तेल की रिफाइनिंग क्षमता में 20 फीसदी का इजाफा होगा। जामनगर की 25,000 करोड़ रुपये की यह रिफाइनरी दुनिया की छठी सबसे बड़ी रिफाइनरी है, जिसकी शोधन क्षमता प्रतिदिन 5,80,000 बैरल तेल की है।
अगर रिलायंस इंडस्ट्रीज के तेल शोधन क्षमता को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो पूरे कॉम्पलेक्स की शोधन क्षमता प्रतिदिन 12.4 लाख बैरल तेल की हो जाएगी। एक ही जगह पर इतनी अधिक क्षमता किसी दूसरे समूह के पास नहीं है।
इस रिफाइनरी की खासियत यह है कि यहां दोयम दर्जे के कच्चे तेल का शोधन करके उच्च कोटि का ईंधन बनाया जा सकता है। इस तरह कंपनी के लिए अधिक मुनाफा कमाने की संभावनाएं बन जाती हैं।
हालांकि इस रिफाइनरी से तैयार ईंधन को तत्काल बेचना शुरू नहीं किया जाएगा। रिलायंस के एक अधिकारी ने बताया, ‘ईंधन के उत्पादन में कुछ दिनों का समय लगता है।
इस रिफाइनरी में जो ईंधन तैयार किया जाएगा, उसमें से अधिकांश का निर्यात किया जाएगा। निर्यात के लिए जो ऑर्डर होते हैं वह बड़े पैमाने पर होते हैं, इस वजह से निर्यात के पहले हमें कुछ समय के लिए ईंधन का स्टॉक जमा करना होगा।’
अगर रिलायंस पेट्रोलियम इस वित्त वर्ष में रिफाइनरी का कारोबारी परिचालन 6 महीने से कम करती है तो कंपनी संयंत्र और मशीनरी के लिए दरों में 7.5 फीसदी की कटौती की मांग कर सकती है।
रिफाइनरी को ऐसे समय में चालू किया जा रहा है जब पूरी दुनिया भर में वित्तीय संकट के कारण ईंधन की मांग घट चुकी है। ओपेक ने 15 दिसंबर को जानकारी दी थी कि विश्व में तेल की खपत अगले साल 0.2 फीसदी घटकर प्रतिदिन 8.56 करोड़ बैरल पर पहुंच जाएगी।
वहीं अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने 9 दिसंबर को कहा था कि तेल की वैश्विक मांग 0.5 फीसदी घटकर प्रतिदिन 8.53 करोड़ बैरल रह जाएगी। फिलहाल यह रिफाइनरी अपनी आधी क्षमता के साथ ही काम करेगी और यहां से पेट्रोल, डीजल और नेफ्था का उत्पादन ही होगा।
कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि रिफाइनरी को अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने में कुछ समय और लगेगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कहा, ‘हम अपनी क्षमताओं का इस्तेमाल कर विभिन्न किस्म के कच्चे तेलों का शोधन करेंगे और उससे उच्च कोटि के ईंधन तैयार करेंगे।’