देश से बहुराष्ट्रीय कंपनी की निकासी की सबसे बड़ी घटना

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 7:20 PM IST

होल्सिम समूह द्वारा अंबुजा सीमेंट और एसीसी की बिक्री की चर्चाएं जोरों पर है। यदि इन दोनों सीमेंट कंपनियों का अधिग्रहण भारतीय निवेशकों द्वारा किया जाता है तो देश से विदेशी पूंजी बाहर जाने की किसी एकल घटना के तौर पर यह सबसे बड़ी घटना होगी।
इस सौदे का मूल्य करीब 10.35 अरब डॉलर है जो 2010 में केयर्न एनर्जी पीएलसी के भारत से निकलने पर हुए सौदे को पीछे छोड़ देगी। तब वह सौदा 4.48 अरब डॉलर में हुआ था जिसके तहत कंपनी ने केयर्न इंडिया को वेदांत समूह को बेच दिया था।
विभिन्न रिपोर्टों के मुताबिक एवी बिरला, जेएसडब्ल्यू समूह और अदाणी समूह जैसे कुछ बड़े कारोबारी समूह भारत में होल्सिम की संपत्ति खरीदने के लिए मैदान में हैं।    
स्विट्जरलैंड स्थित होल्सिम समूह को अंबुजा सीमेंट और एसीसी में अपनी बहुलांस हिस्सेदारी बेचने पर करीब 79,200 करोड़ रुपये या 10.35 अरब डॉलर मिलने की उम्मीद है। सीमेंट बनाने वाली ये दोनों कंपनियां अल्ट्राटेक सीमेंट के बाद देश की सबसे बड़ी सीमेंट निर्माता हैं।
अंबुजा सीमेंट और एसीसी में होल्सिम समूह की हिस्सेदारी का मूल्य शुक्रवार को दोनों कंपनियों के शेयर कीमतों के आधार पर 48,620 करोड़ रुपये है।
होल्सिम की अंबुजा सीमेंट में 63.19 फीसदी और एसीसी में 4.48 फीसदी हिस्सेदारी है। अंबुजा सीमेंट की एसीसी में 50.05 फीसदी हिस्सेदारी है।
अधिग्रहणकर्ता को इन दोनों कंपनियों में गैर-प्रवर्तक शेयरधारकों से 26 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए एक खुली पेशकश के साथ सामने
आना होगा।           
शुक्रवार को अंबुजा सीमेंट का बाजार पूंजीकरण 73,836 करोड़ रुपये और एसीसी का बाजार पूंजीकरण 43,819 करोड़ रुपये रहा था।
यदि इन दोनों कंपनियों के शेयरों में तेजी आती है तो सौदे के मूल्य में इजाफा होगा।
विश्लेषकों का कहना है कि यदि होल्सिम समूह की इन दोनों कंपनियों का अधिग्रहण भारतीय कारोबारी समूहों या निवेशकों द्वारा किया जाता है तो यह सौदा भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की आवक का उल्टा होगा।
एक विश्लेषक ने कहा, ’10 अरब डॉलर एक बड़ी रकम है और यदि सौदा पूरा होता है तो इसका असर भारत के बाहरी क्षेत्र मसलन रुपये विनिमय दर और देश में समग्र पूंजी आवक पर पड़ेगा।’

First Published : May 3, 2022 | 12:54 AM IST