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टेमासेक की टाटा प्ले में हिस्सेदारी बिक्री टाली, मूल्यांकन में नहीं बनी बात

टाटा प्ले का हिस्सा बेचने का मामला

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- November 28, 2023 | 10:40 PM IST

सिंगापुर के सरकारी स्वामित्व वाले फंड टेमासेक की सैटलाइट टीवी ब्रॉडकास्टर टाटा प्ले की 10 फीसदी हिस्सेदारी अपने संयुक्त उद्यम साझेदार टाटा संस को बेचने की योजना मूल्यांकन में बेमेल की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रही है।

टाटा संस के पास टाटा प्ले की बहुलांश हिस्सेदारी है और वह कंपनी के 1 अरब डॉलर के मूल्यांकन के मुकाबले कम मूल्यांकन की पेशकश कर रही है। बैंकिंग सूत्रों ने यह जानकारी दी।

टाटा संस इस कंपनी को सूचीबद्ध कराने की भी योजना बना रही थी और बाजार नियामक सेबी के पास गोपनीय दस्तावेज जमा कराया था। सूचीबद्धता में भी देर हो रही है।

संपर्क किए जाने पर टेमासेक के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से मना कर दिया। सिंगापुर के एक सूत्र ने कहा कि फंड के पास टाटा प्ले की सिर्फ 10 फीसदी हिस्सेदारी है, न कि 20 फीसदी, जैसा कि मीडिया के एक वर्ग ने पहले बताया था।

इस बारे में जानकारी के लिए टाटा संस को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। टाटा संस के अलावा वाल्ट डिज्नी के पास भी टाटा प्ले की 29.8 फीसदी हिस्सेदारी है और वह सूचीबद्धता के जरिये इससे निकलना चाहती है।

इस अखबार की गणना के मुताबिक, टाटा प्ले का एंटरप्राइज वैल्यू (ईवी) वित्त वर्ष 2023 के उसके आंकड़ों के आधार पर 3,093 करोड़ रुपये यानी 37.2 करोड़ डॉलर है। एंटरप्राइज वैल्यू की गणना के लिए नेटवर्थ, कुल उधारी, नकदी व समकक्ष के आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया।

कंपनी ने वित्त वर्ष 23 में एकीकृत आधार पर 105 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया और उसकी बिक्री पिछले वित्त वर्ष में सालाना आधार पर 5.1 फीसदी की गिरावट के साथ 4,499 करोड़ रुपये रही। टाटा प्ले की शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 19 के सर्वोच्च स्तर 6,104 करोड़ रुपये के मुकाबले करीब 27 फीसदी घटी है क्योंकि तब ओटीटी ने देश में उसकी बाजार हिस्सेदारी में इजाफा कर दिया था।

राजस्व में गिरावट ने टाटा प्ले को अपना मुनाफा बरकरार रखना मुश्किल बना दिया और वित्त वर्ष 20 में उसने 70.8 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान दर्ज किया जबकि वित्त वर्ष 19 में उसे 462.9 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।

कंपनी का नेटवर्थ वित्त वर्ष 23 में 499 करोड़ रुपये नकारात्मक रहा, जो एक साल पहले 395 करोड़ रुपये नकारात्मक और वित्त वर्ष 23 में 45 करोड़ रुपये नकारात्मक था। इसकी वजह संचयी नुकसान में लगातार हो रही बढ़ोतरी थी, जो वित्त वर्ष 23 में 2,857 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

First Published : November 28, 2023 | 10:40 PM IST