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अमेरिका के 50% शुल्क की धमकी के बीच एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ स्मार्टफोन निर्यात

वित्त वर्ष 26 में अप्रैल से जुलाई की चार महीने की अवधि में निर्यात 10 अरब डॉलर के आंकड़े को छू गया, जो 2024-25 की इसी अवधि के 6.4 अरब डॉलर के आंकड़े से 52 फीसदी ज्यादा है।

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सुरजीत दास गुप्ता   
Last Updated- August 18, 2025 | 10:29 PM IST

टैरिफ व्यवधानों और अमेरिका को भारतीय निर्यात पर 50 फीसदी शुल्क की धमकी के बीच स्मार्टफोन निर्यात ने एक बार फिर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उद्योग के अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 26 में अप्रैल से जुलाई की चार महीने की अवधि में निर्यात 10 अरब डॉलर के आंकड़े को छू गया, जो 2024-25 की इसी अवधि के 6.4 अरब डॉलर के आंकड़े से 52 फीसदी ज्यादा है।

भारत में अपने विस्तार की गति धीमी होने की चिंता के बावजूद ऐपल इंक ने इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाई। इस साल अप्रैल-जुलाई में इसका आईफोन निर्यात 63 फीसदी बढ़कर 7.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया जबकि एक साल पहले यह 4.6 अरब डॉलर रहा था।

ऐपल के तीन वेंडरों फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने कुल 10 अरब डॉलर में से 7.5 अरब डॉलर से अधिक का योगदान किया, जो स्मार्टफोन निर्यात का 75 फीसदी बैठता है। ये तीनों ही स्मार्टफोन के लिए सरकार की उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना में भागीदार हैं, जो अब अपने अंतिम वर्ष में है और मार्च 2026 में समाप्त होगी।

इसके विपरीत, सैमसंग में गिरावट देखी गई है। इसकी पीएलआई योजना मार्च 2025 में समाप्त होने के साथ इसका निर्यात वित्त वर्ष 25 के अप्रैल-जुलाई के दौरान 1.54 अरब डॉलर से घटकर वित्त वर्ष 26 की इसी अवधि में 1.24 अरब डॉलर रह गया। विशेषज्ञों का कहना है कि यह चीन और वियतनाम की तुलना में भारत के निरंतर लागत घाटे को दर्शाता है, भले ही स्मार्टफोन 11 अप्रैल 2025 की छूट सूची के तहत अमेरिकी टैरिफ से मुक्त है। इस बारे में जानकारी मांगे जाने पर ऐपल और सैमसंग दोनों ने किसी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

स्मार्टफोन पर टैरिफ धारा 232 सेमीकंडक्टर जांच के नतीजों पर निर्भर करेगा, जिसमें स्मार्टफोन और पर्सनल कंप्यूटर जैसे उत्पाद शामिल हैं। ऐपल ज्यादातर आईफ़ोन चीन से भेजता है जबकि सैमसंग वियतनाम पर निर्भर है। अमेरिकी वाणिज्य विभाग द्वारा 16 अप्रैल को घोषित इस जांच के अगस्त के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन अब सितंबर की शुरुआत में इसके अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।

फिलहाल, भारत से होने वाले निर्यात पर कोई शुल्क नहीं लगता, जबकि चीन 20 फीसदी शुल्क देता है। हालांकि अमेरिका अभी भी धारा 232 के तहत अलग-अलग शुल्क लगाकर स्थिति बदल सकता है।

वाणिज्य विभाग के अनुसार, स्मार्टफोन निर्यात में उछाल के कारण भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वित्त वर्ष 2026 के पहले चार महीनों में 43.7 फीसदी बढ़कर 16.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले 11.24 अरब डॉलर रहा था। वित्त वर्ष 2025 के अप्रैल-जुलाई में इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन का हिस्सा 41 फीसदी और वित्त वर्ष 2026 की इसी अवधि में 61.8 फीसदी था। कुल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में स्मार्टफोन का हिस्सा करीब 50 फीसदी बढ़ा।

First Published : August 18, 2025 | 9:54 PM IST