सूचना प्रौद्योगिकी सॉल्यूशन देने वाली कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विस(टीसीएस)ने छोटे और मझोले उद्योगों में पैठ बनाने की योजना बनाई है। कंपनी ने आज एक रणनीतिक व्यावसायिक इकाई शुरु करने की घोषण की जो इन उद्यमों की तकनीकी जरुरतों के हिसाब से सॉल्यूशन देगी। यह रचनात्मक व्यावसायिक मॉडल जिसे कंपनी (सूचना-प्रौद्योगिकी-एक सेवा रूप में) पेश करेगी छोटे और मझोले उद्यमों के लिए क म कीमत वाले विशेषीकृत सॉल्यूशन मुहैया कराएगी। इससे उनकी बढ़ती हुई व्यावसायिक जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
सूचना-प्रौद्योगिकी -एक सेवा के रूप में मॉडल का फायदा उठाने के लिए कंपनियों को इसका ग्राहक बनना होगा और इस्तेमाल के हिसाब से पैसे चुकाने होंगे। इसे एक ही मंच से नियंत्रित किया जाएगा ताकि इन उद्यमों की जरूरत के हिसाब से नई तकनीक को शामिल करना मुमकिन होगा। यह मॉडल छोटे और मझोले उद्यमों को टीसीएस की मौजूदा बौध्दिक क्षमता और बुनियादी सुविधाओं का फायदा मिल सकेगा। इसके अलावा उद्यम की बेहतरी के लिए बनाई जाने वाली योजनाओं और सूचना-प्रौद्योगिकी व दूरसंचार क्षेत्र के लिए एकीकृत सॉल्यूशन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक एस. रामादुरई ने बताया कि यह नए बाजार तक पहुंचने की हमारी रणनीति का एक हिस्सा है। यह सॉल्यूशन भारतीय व्यवसायों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर टक्कर देने योग्य बनाएगा और तकनीकी क्षमता उन्हें बाजार में मुकाबला करने का हथियार मुहैया कराएगी। यह एक तरह से भारतीय कॉरपोरेट जगत को प्रतियोगिता के लायक बनाने जैसा है।
पूंजी व्यय, नकद आमदनी के प्रबंधन और निवेश पर लाभ को ध्यान में रखते हुए इसकी कीमतों में लचीलापन रखा गया है। इससे छोटे उद्यमों को लागत में कटौती करने और जल्द बाजार में उतरने में मदद मिलेगी। टीसीएस के मुख्य परिचालन अधिकारी और कार्यकारी निदेशक एन. चंद्रशेखरन कहते है कि छोटे और मझोले उद्योग काफी तेजी से विकसित हो रहे हैं लेकिन उनकी सूचना-प्रौद्योगिकी संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए कोई एकीकृत सॉल्यूशन मौजूद नहीं है। टीसीएस ने अपने वैश्विक अनुभव और गतिविधिययों का फायदा उठा कर यह मॉडल बनाया है। इससे छोटे और मझोले उद्यमों को अपनी तकनीकी जरूरतों के लिए एक रचनात्मक सॉल्यूशन उपलब्ध होगा।