बीएस बातचीत
टाटा स्टील बड़े बदलाव से गुजर रही है। कंपनी ने अपने नीदरलैंड व्यवसाय (इजमुइडेन स्टीलवक्र्स समेत) के अधिग्रहणों के लिए स्वीडन की एसएसएबी के साथ बातचीत शुरू की है और भारत में वह अपनी सहायक इकाइयों और संयुक्त उपक्रमों को चार बिजनेस वर्टिकलों में पुनर्गठित कर रही है। टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य वित्तीय अधिकारी कौशिक चटर्जी ने ईशिता आयान दत्त के साथ बातचीत में अपनी प्रमुख रणनीति के बारे में विस्तार से बताया। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
एसएसएबी को टाटा स्टील नीदरलैंड की बिक्री के लिए प्रक्रिया और परामर्श पूरा होने में कितना समय लगेगा?
हमने एसएसएबी और नीदरलैंड में हितधारकों के साथ बातचीत शुरू की है। अगले कुछ महीनों के दौरान हमें कई बदलावों की उम्मीद है जिनमें एसएसएबी द्वारा सौदे की प्रक्रिया पर विचार करना, टाटा स्टील नीदरलैंड और टाटा स्टील-ब्रिटेन को अलग करना तथा प्रमुख हितधारकों के साथ संबंध कायम करना मुख्य रूप से शामिल हैं। हम एसएसएबी के साथ वाणिज्यिक शर्तों और नियमों पर भी चर्चा आगे बढ़ते देखेंगे।
नीदरलैंड से निकलने और ब्रिटेन के साथ बने रहने के पीछे क्या तर्क है?
हमने अपनी रणनीति के तीन प्रमुख थीमों पर जोर दिया है। पहला है अपने यूरोपीय पोर्टफोलियो के लिए दीर्घावधि ढांचागत समाधान तलाशना, दूसरा, बैलेंस शीट को लक्षित स्तरों पर लाना और तीसरा, भारतीय बाजार में लाभकारी वृद्घि के लिए पूंजी लगाना। हमारे सभी कार्य इन थीमों पर केंद्रित होंगे।
पोर्ट टालबोट को लेकर ब्रिटिश सरकार के साथ चर्चा कहां तक आगे बढ़ी है?
यूरोपीय पोर्टफोलियो के दीर्घावधि समाधान की राहत लाशना जरूरी है। हम यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहे हैं कि भारतीय और वैश्विक सहायक इकाइयों समेत सभी व्यवसाय मुक्त नकदी प्रवाह के लिहाज से अनुकूल हों और कॉरपोरेट फंडिंग एवं सहायता पर निर्भर न हों। हमारा पूंजी आवंटन ढांचा इन्हीं सिद्घांतों पर केंद्रित है। हम ब्रिटिश सरकार के साथ नियमित संपर्क में हैं और पोर्ट टालबोट वैल्यू चेन के लिए वहां की सरकार से ठोस समर्थन की संभावना तलाश रहे हैं।
इजमुइडेन बिक्री से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल कर्ज घटाने में किया जाएगा। आपने कर्ज घटाने के लिए किस तरह की रणनीति बनाई है?
हमने अगले कुछ वर्षों के दौरान हर साल करीब 1 अरब डॉलर कर्ज घटाने के अपने लक्ष्य पर पुन: जोर दिया है। संभावित पोर्टफोलियो पुनर्गठन से प्राप्त होने वाली कोई भी रकम इससे अलग होगी।
भारतीय परिचालन से टाटा स्टील का एबिटा सालाना आधार पर 49 प्रतिशत बढ़ा है। इसके मुख्य कारक क्या हैं?
भारत में शानदार प्रदर्शन के चार मुख्य कारक रहे हैं। पहला, लॉकडाउन के दौरान उत्पादन उचित स्तर पर बनाए रखने की हमारी परिचालन धारणा ने हमें तिमाही के दौरान बिक्री बढ़ाने की क्षमता प्रदान की। हमने इस तिमाही के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरा, हमारा मुख्य ध्यान परिचालन लागत पर रहा जिससे लागत में करीब 14 प्रतिशत की कमी लाने में मदद मिली। तीसरा, कई अन्य कार्य किए गए उत्पाद मिश्रण को लेकर प्रयास जारी हैं। इसलिए महामारी की चुनौतियों के बावजूद हमने बेहतर प्राप्तियां हासिल कीं।
भारतीय परिचालन में सुधार आया है। कलिंगनगर विस्तार के दूसरे चरण को लेकर क्या योजना है?
हमारे पूंजी आवंटन ढांचे में एक स्पष्ट रणनीति क्रम है और हम बैलेंस शीट को मुख्य प्राथमिकता देंगे। कलिंगनगर में हमारी दो महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम चल रहा है। पहली है पैलेट इकाई, जो लागत दक्षता से जुड़ी हुई है और इससे खरीदे गए पैलेट से लागत घटाने के लिए पूरी व्यवस्था को मदद मिलेगी। दूसरी परियोजना कोल्ड रॉलिंग मिल है जो हमारी उत्पाद मिश्रण दक्षता बढ़ाने में मददगार साबित होगी। ये दोनों परियोजनाएं मार्जिन वृद्घि में भी मददगार हैं और हमारी मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल हैं।