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TATA Motors ने हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नॉलजी के लिए दो R&D सेंटर शुरू किए

TATA Motors 2045 तक जीरो एमिशन हासिल करने के लिए हाइड्रोजन पर दांव लगा रही है।

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दीपक पटेल   
Last Updated- October 23, 2023 | 9:48 PM IST

देश की दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स ने सोमवार को पुणे में अपने सेंटर में हाइड्रोजन फ्यूल टेक्नॉलजी को विकसित करने के लिए दो अनुसंधान और विकास (R&D) सेंटरों की शुरुआत की। इस साल जनवरी में टाटा मोटर्स ने साल 2045 तक शून्य उत्सर्जन हासिल करने का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य रखा था।

कंपनी ने कहा था कि वह इसे हासिल करने के लिए बैटरी इलेक्ट्रिक, हाइड्रोजन फ्यूल सेल और हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों के इंजन जैसी तीन टेक्नॉलजी पर दांव लगा रही है।

कंपनी ने घोषणा की है कि इन सेंटरों की शुरुआत स्वच्छ ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन की मजबूत क्षमता का उपयोग करते हुए शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य हासिल करने की दिशा में एक कदम बढ़ा रही है।

इसमें कहा गया है कि सेंटरों में हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों के इंजन बनाने के लिए एक इंजन परीक्षण सेल और फ्यूल सेल और हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों के लिए हाइड्रोजन फ्यूल के भंडारण और वितरण के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा शामिल है।

वित्त वर्ष 2023-24 की पहली छमाही में 20.07 लाख यात्री वाहनों की बिक्री हुई थी। भारत की तीसरी सबसे बड़ी यात्री वाहन बनाने वाली टाटा मोटर्स ने इसी अवधि में 2,84,127 गाड़ियां बेचीं, जो देश में कुल यात्री वाहनों की बिक्री का लगभग 14 फीसदी है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सितंबर में कहा था कि सरकार डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 फीसदी प्रदूषण कर लगाने पर विचार कर रही है।

हालांकि, उस दिन ऑटो शेयरों में गिरावट के बाद उन्होंने इस मामले पर अपना रुख बदल दिया था। उन्होंने कंपनियों को अनुसंधान एवं विकास और हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक फ्यूल पर चलने वाले वाहनों के उत्पादन में अपना निवेश बढ़ाने के लिए भी प्रोत्साहित किया।

First Published : October 23, 2023 | 9:34 PM IST