कंपनियां

Tata Steel के साथ संबंधित सौदों पर शेयरधारकों से मंजूरी लेगी टाटा कैपिटल

शेयरधारकों को भेजे नोटिस में Tata Capital ने कहा है कि टाटा संस के पास कंपनी में 92.83 फीसदी और Tata Steel में भी 32.24 फीसदी हिस्सेदारी है।

Published by
देव चटर्जी   
Last Updated- February 21, 2024 | 11:24 PM IST

टाटा समूह की वित्तीय सेवा कंपनी टाटा कैपिटल ने अपने शेयरधारकों से कहा है कि वे टाटा स्टील के साथ कंपनी के संबंधित पक्ष के लेनदेन के मामले में मतदान करें। संबंधित पक्ष के लेनदेन की यह रकम अगले वित्त वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। लेनदेन की यह रकम वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कंपनी के कुल वार्षिक कारोबार का करीब 89.83 फीसदी होगी।

शेयरधारकों को भेजे नोटिस में टाटा कैपिटल ने कहा है कि टाटा संस के पास कंपनी में 92.83 फीसदी और टाटा स्टील में भी 32.24 फीसदी हिस्सेदारी है। इसलिए टाटा स्टील के साथ उसके सभी लेनदेन संबंधित पक्ष के लेनदेन के अंतर्गत आएंगे।

टाटा कैपिटल ने इस मामले में विस्तार से बताते हुए कहा कि उसके कॉरपोरेट कार्यक्रम के तहत टाटा स्टील के वितरकों, डीलरों और ग्राहकों से प्राप्त रकम को भी गणना में शामिल किया जाता है। इसमें टाटा स्टील को दी गई अन्य वित्तीय सुविधाओं से भी प्राप्त रकम को भी शामिल किया जाता है।

टाटा स्टील फैक्टरिंग व्यवस्था के तहत टाटा कैपिटल (टीसीएल) को छूट उपलब्ध कराती है। यह छूट उसके ग्राहकों को उधार पर बेची गई वस्तुओं से प्राप्तियों पर दी जाती है। टाटा स्टील इन सुविधाओं के लिए टाटा कैपिटल को छूट शुल्क का भुगतान करती है।

कंपनी ने कहा कि फैक्टरिंग व्यवस्था के तहत टाटा स्टील के ग्राहकों को दी जाने वाली सुविधा में टाटा स्टील की कोई भूमिका नहीं होती है और हरेक ग्राहक के लिए स्वंतत्र आधार पर उसका आकलन किया जाता है। मगर, इस प्रकार के लेनेदेन को भी टाटा स्टील के साथ संबंधित पक्ष के लेनदेन के दायरे में रखा जाएगा।

टाटा कैपिटल फिलहाल टाटा स्टील को पट्टा सुविधाएं भी प्रदान कर रही हैं, जहां परिसंपत्तियों में यात्री कार, पूंजीगत वस्तु, वाणिज्यिक वाहन एवं टाटा स्टील की जरूरत की अन्य वस्तुएं शामिल हैं। टाटा स्टील को दी जाने वाली इन पट्टा सुविधाओं के लिए टाटा कैपिटल को किराये का भुगतान किया जाता है।

टाटा कैपिटल ने कहा कि वह अपने कारोबार को बढ़ाने के उद्देश्य से टाटा स्टील के साथ इस प्रकार के लेनदेन को जारी रखना चाहती है, ताकि उसे अपनी आय और परिचालन के विस्तार में मदद मिल सके। संबंधित पक्ष के लेनदेन के मामले में 17 मार्च को मतदान खत्म होगा।

First Published : February 21, 2024 | 11:24 PM IST