वैश्विक निवेश प्रबंधन फर्म टी रो प्राइस ने यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी के ट्रस्टी में बहुलांश हिस्सेदारी के लिए करार किया है। अब टी रो का ट्रस्टी में हिस्सा 51 फीसदी से अधिक हो जाएगा जबकि सार्वजनिक क्षेत्र की तीन कंपनियों के शेयर 10 फीसदी से नीचे आ जाएंगे।
बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक यूटीआई ट्रस्टी कंपनी में हिस्सेदारी के लिए टी रोप्राइस इंटरनैशनल ने तीन प्रायोजकों भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और भारतीय जीवन बीमा निगम लिमिटेड के साथ 11 नवंबर को एक करार किया। इस शेयर खरीद करार के तहत तीनों ही प्रायोजक कंपनियां अपना 8.51-8.51 फीसदी हिस्सा बेचेंगी।
परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी यूटीआई और इसके शेयरधारकों ने इस करार के बारे में टिप्पणी के लिए भेजे गए ईमेल के तत्काल जवाब नहीं दिए हैं। यूटीआई ट्रस्टी अपनी म्युचुअल फंड योजनाओं में किए गए निवेश का प्रबंधन करती है। इसके साथ ही निवेश योजनाओं के प्रदर्शन एवं नियम अनुपालन की निगरानी भी करती है। टी रो प्राइस ने वर्ष 2010 में इस कंपनी में 26 फीसदी हिस्सेदारी ली थी। उसके बाद से उसे शीर्ष प्रबंधक स्तर पर नियुक्तियों को लेकर सार्वजनिक कंपनियों के साथ तनातनी का कई बार सामना करना पड़ा। शेयर बाजार नियामक सेबी ने एक आदेश जारी कर अपना म्युचुअल फंड जारी करने वाले प्रायोजकों को यूटीआई में हिस्सा घटाने को कहा था। सेबी ने अगस्त में जारी अपने आदेश में तीनों शेयरधारक कंपनियों पर 10.10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
