सूरत की सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी सुचि सेमीकॉन ने बुधवार को कहा कि उसने अपने आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर एसेंबली ऐंड टेस्टिंग (ओएसएटी) संयंत्र पर अगले 3-5 साल में 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा निवेश करने की योजना बनाई है। इस संयंत्र का उद्घाटन इस साल नवंबर में होगा।
गुजरात के सूरत जिले में लगभग 30,000 वर्ग फुट क्षेत्र तैयार होने वाले नए संयंत्र की क्षमता प्रति दिन 30 लाख चिप उत्पादन की होगी और इसमें एडवांस्ड क्लास 10,000 और 100,000 क्लीनरूम एनवायरनमेंट्स की सुविधा होगी। कंपनी को गुजरात राज्य सेमीकंडक्टर नीति के तहत इस संयंत्र की मंजूरी मिली है और उसने इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन के तहत अपना प्रस्ताव सौंपा है।
सुचि सेमीकॉन में सह-संस्थापक शीतल मेहता ने कहा कि नवंबर में अपने परिचालन के पहले दिन से इस संयंत्र की क्षमता हर दिन 2 लाख उत्पाद तैयार करने की होगी। मेहता ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा कि मौजूदा समय में कंपनी ने ओएसएटी संयंत्र का दायरा बढ़ाने पर ध्यान दिया है और भविष्य में वह सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग में प्रवेश कर सकती है।
उन्होंने कहा, ‘हम ओएसएटी परिचालन पर ध्यान करना चाहेंगे और चूंकि डिजाइन भारत का मजबूत पक्ष है, इसलिए हम डिजाइनिंग में भी शामिल हो सकते हैं। यह भी तभी संभव है जब ग्राहक इसकी मांग करें।’
सेमीकंडक्टर फैब्स में प्रवेश करने की संभावना के बारे में मेहता ने कहा, ‘फिलहाल निर्माण के मामले में, मुझे लगता है कि भारत में पारिस्थितिकी तंत्र विकसित होने में अभी भी समय है। प्रमुख कंपनियां आ रही हैं, हम पहले उन्हें स्थापित होने देंगे। फिलहाल हम ओएसएटी और पैकेजिंग पर ही ध्यान केंद्रित करेंगे।’
इस नए संयंत्र से 1,200 रोजगार पैदा होंगे और इसमें आधुनिक सेमीकंडक्टर निर्माण एवं टेस्टिंग पर ध्यान दिया जाएगा। कंपनी ने इस क्षेत्र के लिए कुशल कार्यबल तैयार करने के लिए गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और सरदार वल्लभभाई नैशनल इंस्टीट्यूट टेक्नोलॉजी, सूरत के साथ भागीदारी की है। मेहता ने कहा कि कर्मियों को जरूरी कौशल से प्रशिक्षित करने के लिए अन्य देशों से पेशेवरों की सेवा ली है।