बढ़ेगा ओएनजीसी पर सब्सिडी बोझ

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:03 AM IST

कच्चे तेल की लगातार बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों से तेल की रिटेल बिक्री करने वाली कंपनियां ही परेशान नहीं हैं।


इस क्षेत्र की दिग्गज सरकारी कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को भी इससे चिंता होने लगी है। कंपनी को लगता है कि उस पर सब्सिडी का बोझ बढ़ सकता है।

सब्सिडी का बोझ पहले ही इन कंपनियों को परेशान करता है। लेकिन ओएनजीसी को वित्त वर्ष 2007-08 के लिए उसे वाहन ईंधन और कुकिंग ईंधन यानी रसाई गैस पर दिए जाने वाले सब्सिडी भुगतान में 17.5 फीसद तक के इजाफे की आशंका है।

ओएनजीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक आर एस शर्मा ने ऊर्जा सम्मेलन के मौके पर कहा, ‘सब्सिडी के खाते में हमारा खर्च हाल ही में समाप्त हुए वित्त वर्ष में 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है। वित्त वर्ष 2006-07 में यही आंकड़ा 17,024 करोड़ रुपये था।

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को लागत से कम कीमत पर पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री से होने वाले नुकसान अंडर रिकवरी से तगड़ी मार पड़ रही है। इसमें तकरीबन 28.5 फीसद हिस्सा ओएनजीसी को ही सहना पड़ता है।

सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत केरोसिन की बिक्री से तगड़ा नुकसान होता है। सरकार सब्सिडी के तहत कच्चे तेल पर इन कंपनियों को छूट देती है। लेकिन इसके बारे में अक्सर ये कंपनियां शिकायत करती हैं।

पिछले कुछ समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में जबर्दस्त तेजी आई है। कच्चा तेल 125 डॉलर प्रति बैरल का आंकड़ा भी छू चुका है। लेकिन सरकार ने खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को ईंधन की कीमत में किसी तरह का इजाफा करने की मंजूरी नहीं दी है। हालांकि ये कंपनियां हाल के दिनों में बार-बार कीमत में इजाफे की मांग कर रही हैं। इसके लिए वे लामबंदी भी कर रही हैं। लेकिन फिलहाल सरकार ने इस बारे में उनसे साफ इनकार कर दिया है।

खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को पिछले वित्त वर्ष में इसी वजह से 70,500 करोड़ रुपये का घाटा बर्दाश्त करना पड़ा था। इस घाटे का 42.7 फीसद हिस्सा सरकार तेल बाँड के आवंटन के जरिये सह लेती है।

लेकिन शर्मा ने सब्सिडी के भुगतान के तरीके पर चिंता जताई और पारदर्शी हिस्सेदारी प्रणाली की भी मांग की। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी ने वित्त वर्ष 2007-08 के शुरुआती नौ महीनों में ईंधन पर सब्सिडी के तहत 13,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया था और चौथी तिमाही में भी उसने 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।

First Published : May 17, 2008 | 1:54 AM IST