शानदार ऑर्डर प्रवाह से इन्फोसिस को मिलेगी मदद

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 9:46 AM IST

इन्फोसिस ने दिसंबर तिमाही में सभी मानकों पर न सिर्फ बाजार अनुमानों को पीछे छोड़ा है बल्कि यह वित्तीय परिणाम कुछ मायनों में उद्योग दिग्गज टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) से भी आगे रहा। 5.3 प्रतिशत की मौद्रिक वृद्घि को वित्तीय सेवाओं, पिछली तिमाहियों में हासिल किए सौदों और डिजिटल सेवाओं से मदद मिली है। यह उसकी प्रतिस्पर्धी के मुकाबले 90 आधार अंक ज्यादा रहा।
जहां राजस्व वृद्घि मजबूत थी, तिमाही में बड़ी कामयाबी कंपनी को बड़े सौदों से मिली और इससे लगातार दूसरी तिमाही में रिकॉर्ड स्तर दर्ज किया गया। पहली तिमाही में 3.15 अरब डॉलर के बड़े सौदे मिलने के बाद कंपनी ने 7.1 अरब डॉलर के सौदे दर्ज किए, जिनमें से करीब आधे सौदे डेमलर गु्रप से मिलने की संभावना है।
2020-21 में अब तक शुद्घ नए सौदे 8 अरब डॉलर (सालाना राजस्व लगभग 13 अरब डॉलर पर) के साथ अगली तीन तिमाहियों में अच्छी वृद्घि की संभावना है। सौदे की गति और ऑर्डर प्रवाह को देखते हुए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2021 के लिए अपने वृद्घि के अनुमान को पूर्व के 2-3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.5-5 प्रतिशत कर दिया है।
कंपनी का मार्जिन प्रदर्शन भी उम्मीद से बेहतर रहा और उसे मजबूत राजस्व वृद्घि लागत अनुकूलन प्रयासों से मदद मिली। जहां मुनाफा सालाना आधार पर 350 आधार अंक बढ़कर 25.4 प्रतिशत पर रहा वहीं तिमाही आधार पर यह सपाट बना रहा। विश्लेषकों का मानना है कि टीसीएस द्वारा क्रियान्वयन बेहतर रहा, क्योंकि वह तिमाही आधार पर मार्जिन 40 आधार अंक बढ़ाकर 2616 प्रतिशत करने में सफल रही। टीसीएस के लिए वृद्घि तिमाही में पारिश्रमिक वृद्घि के बावजूद दर्ज की गई, वहीं इन्फोसिस के लिए कीमत वृद्घि चालू तिमाही में की गई।
जहां इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2021 के लिए मार्जिन अनुमान 100 आधार अंक तक बढ़ाकर 24.24.5 प्रतिशत किया है, वहीं विश्लेषकों का मानना है कि कंपनी के अल्पावधि मार्जिन पर दबाव रहेगा क्योंकि डिस्क्रेशनरी खर्च में कटौती, कर्मियों की संख्या में वृद्घि, रिकॉर्ड इस्तेमाल और पारिश्रमिक वृद्घि से लागत पर प्रभाव पड़ सकता है। विश्लेषकों का मानना है कि आगामी वर्ष में पूरे वर्ष का मार्जिन 23-24 प्रतिशत के दायरे में रह सकता है।
पिछले साल के दौरान 79 प्रतिशतकी तेजी के साथ जहां इस शेयर में रेटिंग बदलाव हुआ है, वहीं इस तेजी को बरकरार रखने के लिए सौदे हासिल करने और क्रियान्वयन (राजस्व वृद्घि) मोर्चों, दोनों पर मजबूत रहने की जरूरत होगी।
हालांकि टीसीएस के साथ पीई डिस्काउंट घटकर एक अंक में रह गया है, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि यह अंतर बना रहेगा, क्योंकि माॢजन में 100 आधार अंक का अंतर है। 

First Published : January 14, 2021 | 11:03 PM IST