प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
स्पाइसजेट ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में 236.6 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध घाटा दर्ज किया। यह घाटा 12 जून को एयर इंडिया विमान हादसे के बाद मैंटेनेंस के लिए विमानों के खड़े रहने, हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों और यात्रियों की कम मांग के कारण हुआ। एयरलाइन ने वित्त वर्ष 2025 जून तिमाही में 158.6 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया था।
एयरलाइन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, ‘प्रतीक्षित मैंटेनेंस के लिए पूरे विमान बेड़े के कुछ हिस्से का संचालन न होने और भू-राजनीतिक तनाव के कारण हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध लगने से जून तिमाही के दौरान कंपनी का लाभ प्रभावित हुआ। इसके अलावा, भारतीय विमानन क्षेत्र में एक दुखद हादसे ने भी ग्राहक धारणा को प्रभावित किया, जिससे तिमाही के प्रदर्शन पर काफी असर पड़ा।’
प्लेनस्पॉटर्स डॉट कॉम के अनुसार स्पाइसजेट के बेड़े में मौजूदा समय में कुल 53 विमान हैं, जिनमें से 19 ‘सेवा में’ हैं, जबकि 34 ‘पार्क्ड’ यानी खड़े हुए हैं।
स्पाइसजेट ने पिछले वित्त वर्षों में विभिन्न गैर-प्रवर्तक निवेशकों को तरजीही आधार पर इक्विटी वारंट और नए इक्विटी शेयर जारी करके 4172.1 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
सिंह ने कहा, ‘इस रकम का उपयोग बंद पड़े बेड़े को सेवा में वापस लाने, बेड़े को अनुकूल बनाने और नए क्षेत्रों में विस्तार के लिए किया जा रहा है। कंपनी भविष्य में लगातार लाभप्रदता और टिकाऊ नकदी प्रवाह प्राप्त करने के उद्देश्य से लागत नियंत्रण पहलों को भी लागू करना जारी रखे हुए है।’
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा, कंपनी ने कुछ विक्रेताओं/पट्टेदारों के साथ पिछले बकाये का भुगतान कर दिया है और बकाया कर्ज के निपटान में राहत पाने के लिए अन्य विक्रेताओं/पट्टेदारों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है।’
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने इस क्षेत्र में हवाई यात्रा को झकझोर दिया और एयरलाइनों को श्रीनगर से अतिरिक्त उड़ानें शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। दो दिन बाद, पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया, जिससे इंडिगो और एयर इंडिया को यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लिए लंबे और महंगे मार्गों का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 7 मई को भारत के ऑपरेशन सिंदूर के साथ यह संकट और गहरा गया, जिसके बाद श्रीनगर, जम्मू, लेह, अमृतसर और चंडीगढ़ सहित 32 उत्तरी हवाई अड्डों को नागरिक उड़ानों के लिए बंद कर दिया गया।