वित्त वर्ष की समाप्ति से एक दिन पहले भारतीय लेनदारों और के वी कामत समिति ने एसपी समूह की मुख्य फर्म शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एसपीसीपीएल) की एकबारगी पुनर्गठन योजना को मंजूरी दे दी है।
शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के एकल आधार पर 2020-21 में 5,320 करोड़ रुपये चुकाने हैं और एकीकृत आधार पर 10,000 करोड़ रुपये की देनदारी है। समूह की उधारी की रकम 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है, वहीं मुख्य कंपनी के खाते में 23,500 करोड़ रुपये कर्ज है। 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा के कर्ज पुनर्गठन के सभी प्रस्ताव कामत समिति को भेजे गए थे, जिसने मंगलवार शाम इसे मंजूरी दी। एक सूत्र ने यह जानकारी दी।
शापूरजी पलोनजी ऐंड कंपनी प्राइवेट लिमिटेड ने पिछले साल आरबीआई की तरफ से जारी दिशानिर्देश के तहत एकबारगी के कर्ज पुनर्गठन के लिए आवेदन किया था। एकबारगी कर्ज पुनर्गठन (ओटीआर) के लिए आवेदन के बाद लेनदारों को बकाया रकम पर उसने कोई भुगतान नहीं किया था, जिसमें वाणिज्यिक प्रतिभूतियों पर निवेशकों को बकाया शामिल है। ओटीआर का अनुरोध 26 अक्टूबर को किया गया था और सभी पात्र लेनदारों के साथ पिछले साल 24 नवंबर को इंटर-क्रेडिटर करार पर हस्ताक्षर किए गए थे।
वकीलों ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय में टाटा समूह के हाथों कानूनी लड़ाई में शिकस्त पा चुका समूह टाटा संस की 18.4 फीसदी हिस्सेदारी गिरवी नहीं रख पाएगा। प्रसिद्ध वकील एच पी रनीना ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने हालांकि इस मामले पर कोई फैसला नहीं दिया है। लेकिन टाटा समूह इस आधार पर शेयर गिरवी रखे जाने पर रोक लगाने की कोशिश कर सकता है कि अगर एसपी समूह भविष्य में भुगतान में चूक करता है तो शेयरों की नीलामी तीसरे पक्षकार को की जा सकती है, जो टाटा संस के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन के खिलाफ होगा।
एक बार की पुनर्गठन योजना के तहत समूह यूरेका फोब्र्स, स्टर्लिंग ऐंड विल्सन की हिस्सेदारी व जमीन समेत प्रमुख संपत्तियां बेचकर 10,332 करोड़ रुपये जुटाने और कर्ज भुगतान में मोहलत के बाद कर्ज के पुनर्भुगतान पर सहमत हो गया है। ओटीआर योजना के तहत परिसंपत्तियों के प्रस्तावित मुद्रीकरण से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल 9,348 करोड़ रुपये के कर्ज पुनर्भुगतान पर किया जाएगा।
एसपी समूह ने अपने लेनदारों से कर्ज पुनर्भुगतान पर दो साल की मोहलत मांगी है क्योंकि रियल एस्टेट क्षेत्र और निर्माण का उसका मुख्य कारोबार कोरोना महामारी के कारण मंदी से गुजर रहा है।
परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के अलावा एसपी समूह की कंपनियों को मुख्य कंपनी की तरफ से दी गई कॉरपोरेट जमाओं को भी निकाला जाएगा, जिसका मुख्य हिस्सा एसडी कॉर्प (1,000 करोड़ रुपये) और एसपीसीपीएल के रियल एस्टेट पोर्टफोलियो वाली इकाइयों से मिलेगा, जो 1,299 करोड़ रुपये है। यह वित्त वर्ष 22 में होगा और उनकी परियोजना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से रकम निकाली जाएगी। इंटर क्रेडिटर करार के जरिए मिलने वाले 836 करोड़ रुपये का इस्तेमाल बकाया कर्ज के भुगतान और बाकी कंपनी के परिचालन में करने का प्रस्ताव है।
समूह ने लेनदारों से कहा था कि मूलधन के पुनर्भुगतान की समयसीमा के वी कामत समिति की सिफारिशों के मुताबिक दो साल बढ़ा दिया जाए, जिन्हें आरबीआई ने महामारी से प्रभावित कंपनियों की मदद के लिए नियुक्त किया है।
