टेमासेक और जोमैटो के निवेश वाली लॉजिस्टिक क्षेत्र की यूनिकॉर्न कंपनी शिपरॉकेट साल 2025 में अधिग्रहणों की होड़ के लिए कमर कस रही है, हालांकि कंपनी शेयर बाजार में अपनी सूचीबद्धता के लिए तैयार है।
गुरुग्राम मुख्यालय वाली इस कंपनी की नजर आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) पर है और इसकी योजना पर काम कर रही है, हाल ही में इसे सार्वजनिक कंपनी में तब्दील किया गया है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्य अधिकारी साहिल गोयल ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा, ‘हम पहले भी अधिग्रहण करते रहे हैं। हम इस वित्त वर्ष में मुनाफे में रहे हैं और हम इस वर्ष का समापन मुनाफ में करेंगे, जिसका मतलब यह है कि हमारे पास रफ्तार बढ़ाने के लिए नकदी के इस्तेमाल की क्षमता है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछें कि क्या हम इस साल अधिग्रहण तेज करेंगे, तो इसका जवाब है – हां।’ अलबत्ता उन्होंने अधिग्रहण के लक्ष्यों के बारे में और जानकारी साझा नहीं की।
उन्होंने कहा कि डिजिटल कॉमर्स के उभरते परिदृश्य में शिपरॉकेट किसी भी ऐसी क्षमता का अधिग्रहण करेगा या उसे आंतरिक रूप से विकसित करेगी, जिसकी उसके पास कमी है।
गोयल ने कहा, ‘हमारी अधिग्रहण रणनीति के चार बड़े स्तंभ हैं – फुलफिलमेंट और शिपिंग, वित्तीय सेवा, भुगतान और विपणन कारोबार। जब तक ये चार चीजें मौजूद हैं, तब तक हम अलग-अलग श्रेणियों में कंपनियों पर विचार करने में रुचि रखेंगे क्योंकि इससे हमें क्षमता मिलेगी।’
मार्केट इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन के आंकड़ों के अनुसार शिपरॉकेट ने साल 2022 में ही रॉकेटबॉक्स, पिकर, विग्जो टेक, ग्लौकस लॉजिस्टिक्स, रॉकेट और ओमुनी समेत छह कंपनियों का अधिग्रहण किया था।