सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज की बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी की आशंका नजर आने लगी है।
हालांकि हालात के स्पष्ट होने के लिए बोली लगाने वाली कंपनियों को अप्रैल के पहले सप्ताह तक इंतजार तो करना ही पड़ेगा। मिसाल के तौर पर स्पाइस ग्रुप के अध्यक्ष बी. के. मोदी ने कहा कि अगर बोली की प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं रखी गई, तो वे इससे बाहर भी हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता की सत्यम को खरीदने के लिए बोली लगाने वाली कंपनियां कौन हैं। इस बाबत बोर्ड ने भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।’ इस संबंध में अंतिम निर्णय लेने के लिए स्पाइस गु्रप बुधवार की रात एक बैठक कर रही है।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज में बुधवार को सत्यम के स्टॉक 3.11 फीसदी नीचे गिरकर 41.80 रुपये पर बंद हुए। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया पर बाजार विश्लेषकों की मिश्रित प्रक्रिया सामने आ रही है।
केआर चोकसे सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक देवेन चोकसे कहते हैं, ‘लोग सत्यम की बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर काफी सवाल खड़े कर रहे हैं। इस तरह की अनिश्चितता से सत्यम के स्टॉक प्रभावित हो रहे हैं।’
पिंक रिसर्च के उपाध्यक्ष सचि बंसल का कहना है, ‘मैं सोचता हूं कि बोली की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। हां, ऐसा हो सकता है कि कुछ पार्टियों ने मीडिया के सामने इस बात को लेकर हल्ला मचाया हो, लेकिन जो गंभीर बोली लगाने वाली कंपनियां हैं, वे इसे गंभीरता से ले रही है। जहां तक शेयर मूल्य का सवाल है, तो इसमें अनिश्चितता का रुख है।’
लार्सन ऐंड टुब्रो, स्पाइस ग्रुप और टेक महिन्द्रा के दूसरे दौर में पहुंचने की स्वतंत्र रूप से घोषणा की गई।
