प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी सेल्सफोर्स अगले कुछ महीनों के दौरान भारत में सार्वजनिक क्षेत्र के लिए इकाई स्थापित करने की योजना बना रही है। यह देश के भीतर सरकारी संगठनों द्वारा प्रौद्योगिकी अपनाने में वृद्धि को दर्शाएगी।
अमेरिका की यह कंपनी सरकारी क्षेत्र में डाक सेवाओं, शिक्षा, नागरिकों को सब्सिडी और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में विभिन्न अवसरों का लाभ उठाना चाह रही है। इसके लिए कंपनी विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के साथ जुड़ने की योजना बना रही है।
सेल्सफोर्स इंडिया की चेयरपर्सन और मुख्य कार्य अधिकारी अरुंधती भट्टाचार्य ने कहा ‘हम सार्वजनिकक्षेत्र के लिए अपनी इकाई की स्थापना के संबंध में अगले कुछ महीनों में घोषणा कर सकते हैं।’अनुभवी बैंकर और भारतीय स्टेट बैंक की पूर्व अध्यक्ष भट्टाचार्य ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र से आने की वजह से आपने उम्मीद की होगी कि हम पहले ही यह काम करते।
लेकिन हमें यह सुनिश्चित करने की जरूरत थी कि हम यह काम करने के लिए तैयार हैं और सभी क्लाउड (बुनियादी ढांचा) स्थानीय रूप से यहां मौजूद हैं और सरकार की विभिन्न शर्तों का अनुपालन कर रहे हैं। भट्टाचार्य ने कहा कि दुनिया भर में सरकारी क्षेत्र में सेल्सफोर्स के पास 500 से ज्यादा उपयोग के मामले हैं।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के दौरान देश के कोरोनोवायरस मानचित्र में सेल्सफोर्स की कंपनी टेब्लो ने मदद की थी। यह वैश्विक महामारी की स्थिति दिखा सकता था और क्षेत्रों को लाल, हरे और पीले जैसे विभिन्न क्षेत्रों में विभाजित कर सकता था।
भट्टाचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) देश भर में होने वाली विभिन्न बीमारियों के आंकड़े दर्ज कर सकता है और बचाव के लिए कार्रवाई कर सकता है। आयुष्मान भारत कार्यक्रम के संबंध में भी हम काफी कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उपयोग के कुछ ऐसे काफी दिलचस्प मामले हैं, जो हम कर सकते हैं।
उपयोग का ऐसा ही एक मामला हमने महामारी के दौरान डेलॉइट के साथ ओडिशा सरकार के लिए नि:शुल्क आधार पर किया था। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं और दवाओं का आवश्यक भंडार हो। कंपनी ने नए कारोबार में पिछले साल की तुलना में 35 प्रतिशत वृद्धि के साथ अपनी मौजूदगी मजबूत की है।