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ग्रामीण इलाकों में दैनिक उपभोग वाली वस्तुओं (FMCG) की बिक्री में क्रमिक रूप से खासा सुधार नजर आया है और दिसंबर में यह कमोबेश बढ़िया में रही है। रिटेल इंटेलीजेंस फर्म बिजोम के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
इसके अलावा नवंबर की तुलना में दिसंबर में नजर आई मांग बड़े शहरों के मुकाबले टीयर-3 श्रेणी वाले शहरों से अधिक रही। बिजोम के आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण इलाकों की मांग में मासिक आधार पर 0.2 फीसदी की गिरावट आई, जबकि नवंबर में इसमें 17 फीसदी गिरावट थी। दिसंबर में मासिक आधार पर कुल मांग में 1.4 फीसदी का इजाफा हुआ था।
बिजोम के चीफ (ग्रोथ ऐंड इनसाइट्स) अक्षय डिसूजा ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ग्रामीण वृद्धि भी लगभग विकास की राह पर है क्योंकि हम देख रहे हैं कि दीवाली के बाद स्टॉक की बिक्री हो गई है। इससे भी खास बात यह है कि मुद्रास्फीति में गिरावट आ रही है तथा अगर यह कुछ और समय तक जारी रहती है, तो ग्रामीण क्षेत्रों में भी इससे जोरदार खपत को बढ़ावा मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि ब्रांडेड वस्तुओं और घरेलू देखभाल वाले उत्पादों की मांग स्थिर रही है क्योंकि हम ठंड सर्दी के सीजन में जा कर रहे हैं। विशेष रूप से महीने के आखिरी सप्ताह के दौरान किराना में दमदार स्टॉक के साथ। एफएमसीजी कंपनियों ने भी माना कि दिसंबर के आखिरी दस दिनों में उन्होंने ग्रामीण मांग में कुछ सुधार नजर आया है।
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अदाणी विल्मर के मुख्य कार्याधिकारी अंगशु मलिक ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि दिसंबर के पहले 15 दिन सुस्त रहे, लेकिन महीने के आखिरी 15 दिनों में हमने खपत में तेजी देखी है। उन्होंने बताया कि किसानों के हाथ में अब पैसा आ रहा है। इसके अलावा जनवरी में आगामी शादी-विवाह के सीजन की वजह से भी मांग में सुधार हुआ है क्योंकि खान-पान का प्रबंध करने वालों (संस्थागत बिक्री का हिस्सा) ने भी ऑर्डर देना शुरू कर दिया है। उन्हें उम्मीद है कि जनवरी-मार्च तिमाही में बेहतर मांग देखने को मिलेगी।