कंपनियां

कर्नाटक उच्च न्यायालय से Byju’s को राहत, दूसरे राइट्स इश्यू को मिली हरी झंडी

बैजूस और उसके निवेशक कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए याचिका में कंपनी 20 करोड़ डॉलर के राइट्स निर्गम के मसले पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) में लड़ रहे हैं।

Published by
पीरज़ादा अबरार   
Last Updated- July 02, 2024 | 9:55 PM IST

कर्नाटक उच्च न्यायालय मंगलवार को एनसीएलटी, बेंगलूरु द्वारा पारित 12 जून के अंतरिम आदेश को रद्द कर दिया जिसने नकदी किल्लत का सामना कर रही एडटेक कंपनी बैजूस को दूसरा राइट्स निर्गम पेश करने से रोक दिया था।

लॉ प्लेटफॉर्म बार ऐंड बेंच के पिछले सप्ताह मामले पर आदेश सुरक्षित रखने के बाद न्यायमूर्ति एसआर कृष्णा कुमार ने आज दोपहर फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने कहा कि आदेश गुण-दोष के आधार पर पारित किया गया है और मामले की आगे की सुनवाई के लिए (संभवतः पुनर्विचार के लिए) एनसीएलटी को वापस भेज दिया गया है। विस्तृत फैसला बुधाव को उपलब्ध कराया जाएगा।

बैजूस और उसके निवेशक कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए याचिका में कंपनी 20 करोड़ डॉलर के राइट्स निर्गम के मसले पर राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) में लड़ रहे हैं।

चारों निवेशक प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक 15 पार्टनर्स (पूर्व में सिकोइया इंडिया और दक्षिण पूर्वी एशिया) ने बैजूस के 22 अरब डॉलर के मूल्यांकन की तुलना में 99 फीसदी से कम उद्यम मूल्यांकन पर राइट्स निर्गम पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं।

बैजूस ने हाल ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय में राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के उस आदेश को चुनौती दी जिसमें उसे दूसरे राइट्स निर्गम पर आगे बढ़ने से रोक दिया गया था।

एनसीएलटी के आदेशों को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष भी चुनौती देने की उम्मीद थी। मगर बैजूस ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की।

First Published : July 2, 2024 | 9:55 PM IST