एसोचैम के अध्यक्ष सुमंत सिन्हा ने नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) उद्योग के लिए ब्याज दरों में कमी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर उद्योग के लिए ब्याज दर 8-10 प्रतिशत है, जबकि पश्चिमी बाजारों में यह 3-4 प्रतिशत है।
आगामी बजट में घरेलू बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों के लिए सरकार से अपेक्षाओं के बारे में पूछने पर सिन्हा ने कहा कि ब्याज दरों में कमी की जानी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को आम बजट पेश करेंगी।
सिन्हा, जो रिन्यू पावर के चेयरमैन भी है, ने पीटीआई-भाषा को एक साक्षात्कार में बताया, ”ब्याज दरों को कम कीजिए, क्योंकि हमारे क्षेत्र के लिए ब्याज दर बहुत महत्वपूर्ण है। दुनिया के अन्य हिस्सों के मुकाबले यहां आप जो भुगतान करते हैं, वह बहुत अधिक है। भारत में ब्याज दर आठ प्रतिशत से 9.5 प्रतिशत के बीच है।”
सिन्हा ने कहा, ”पश्चिमी दुनिया में दरें तीन से चार प्रतिशत हैं।” उन्होंने कहा कि ब्याज दर में प्रत्येक एक प्रतिशत की वृद्धि से बिजली की दरों पर लगभग 15 पैसे का असर पड़ता है। इसलिए यदि सस्ता कर्ज मिलेगा तो उद्योग खरीदारों को सस्ती बिजली दे सकता है।” सिंह ने यह सुझाव भी दिया कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सौर मॉड्यूल विनिर्माण के लिए पीएलआई आवंटन को 19,500 करोड़ रुपये से बढ़ाया जा सकता है।