रियल एस्टेट

लंबे समय से चला आ रहा विवाद खत्म! लोढ़ा बंधुओं ने सुलझाया ट्रेडमार्क विवाद, सौहार्दपूर्ण समझौते का ऐलान

यह समझौता उनके माता-पिता के मार्गदर्शन में हुआ है और इसमें चार प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया गया है जिन पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है।

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प्राची पिसल   
Last Updated- April 14, 2025 | 11:09 PM IST

अभिषेक लोढ़ा के मैक्रोटेक डेवलपर्स और उनके छोटे भाई अभिनंदन लोढ़ा के हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (एचओएबीएल) ने मध्यस्थता के जरिये सभी लंबित विवादों को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया है। दोनों पक्षों ने सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में यह जानकारी दी।

यह समझौता उनके माता-पिता के मार्गदर्शन में हुआ है और इसमें चार प्रमुख बिंदुओं को शामिल किया गया है जिन पर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है। पहला, मैक्रोटेक डेवलपर्स के पास ‘लोढ़ा’ और ‘लोढ़ा ग्रुप’ ब्रांड नाम का उपयोग करने का विशेष अधिकार होगा जबकि अभिनंदन लोढ़ा ‘हाउस ऑफ अभिनंदन लोढ़ा (एचओएबीएल)’ ब्रांड नाम का विशेष रूप से उपयोग करेंगे। दोनों पक्ष अपने-अपने ब्रांड नाम के मालिक भी होंगे। दूसरा, ‘लोढ़ा ग्रुप’ और ‘एचओएबीएल’ का एक-दूसरे से कोई संबंध नहीं होगा और दोनों समूह इस बारे में व्यापक तौर पर सबको जानकारी देंगे। तीसरा, लोढ़ा ग्रुप अथवा मैक्रोटेक डेवलपर्स या अभिषेक के अन्य कारोबार पर अभिनंदन का कोई अधिकार या दावा नहीं होगा। इसी प्रकार अभिनंदन के एचओएबीएल अथवा उनके अन्य कारोबार पर अभिषेक का कोई अधिकार अथवा दावा नहीं होगा।

यह समझौता तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। दोनों भाइयों के बीच हुए इस समझौते के साथ ही देश के एक प्रमुख रियल एस्टेट कारोबारी परिवार की कंपनियों के बीच लंबे समय से चले आ रहे ट्रेडमार्क विवाद का अंत हो गया है। लोढ़ा बंधुओं के बीच विवाद इस साल जनवरी से सार्वजनिक तौर पर सामने आ गया था। अभिषेक और अभिनंदन दोनों ने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृ​त्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरवी रवींद्रन के प्रति आभार व्यक्त किया है। उन्हें अभिषेक और अभिनंदन की कंपनियों के बीच बातचीत में मध्यस्थता करने के लिए बंबई उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त किया गया था। 

दोनों कंपनियों ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘मध्यस्थता प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में प्रोत्साहित करने के लिए परिवार (लोढ़ा परिवार) अदालत का आभारी है। वे परिवार के सभी बुजुर्गों और शुभचिंतकों का भी तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने समाधान प्रक्रिया के दौरान सलाह दी और समर्थन किया। अब इस मामले में आगे कोई बयान नहीं दिया जाएगा।’ 

अभिनंदन लोढ़ा ने साल 2015 में लोढ़ा समूह से अलग होकर एचओएबीएल के रूप में अपना स्वतंत्र कारोबार शुरू किया था। हालांकि दो साल बाद एक पारिवारिक समझौते के जरिये उसे औपचारिक रूप दिया गया। मगर लोढ़ा ट्रेडमार्क का उपयोग दोनों भाइयों के बीच विवाद का कारण बन गया।जनवरी 2025 में मैक्रोटेक डेवलपर्स ने ‘लोढ़ा’ नाम के इस्तेमाल के संबंध में एचओएबीएल के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी। याचिका में 5,000 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की गई थी।

मैक्रोटेक ने एचओएबीएल की नई परियोजनाओं की मार्केटिंग में और उसके चैनल साझेदारों द्वारा  ‘लोढ़ा’ एवं ‘लोढ़ा ग्रुप’ ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था। कंपनी ने यह भी आरोप लगाया था कि ‘लोढ़ा’ एवं ‘लोढ़ा ग्रुप’ ब्रांड नाम के अंधाधुंध इस्तेमाल किए जाने के कारण एचओएबीएल के मौजूदा खरीदारों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।

अदालत ने दलील सुनने के बाद सुझाव दिया कि दोनों पक्ष मध्यस्थता के जरिये विवाद को सुलझा लें। उस महीने के आखिर में दोनों पक्षों ने मध्यस्थता करने की इच्छा जताई। उसके बाद अदालत ने मध्यस्थता करने के लिए न्यायमूर्ति रवींद्रन को नियुक्त किया था। मैक्रोटेक ने 2 अप्रैल को एचओएबीएल की कुछ इकाइयों पर ‘लोढ़ा’ ट्रेडमार्क के उपयोग के लिए मैक्रोटेक के कथित बोर्ड प्रस्तावों का उपयोग करने और उसे सरकारी अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करने का आरोप लगाया।

मगर एचओएबीएल ने मैक्रोटेक के आरोपों का खंडन किया और इस मामले की जांच के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। एचओएबीएल ने 3 अप्रैल, 2025 को शिकायत दर्ज कराई और 4 अप्रैल, 2025 को पुलिस को एक पत्र लिखा। पत्र में उसने कहा था कि एचओएबीएल द्वारा धोखाधड़ी या जालसाजी का कोई मामला नहीं है। उसने यह भी कहा था कि समूह की दो कंपनियों के बोर्ड द्वारा फर्जी बोर्ड प्रस्तावों का उपयोग करने का दावा झूठा है जिसका वह खंडन करती है।

बहरहाल, मौजूदा स्थिति के अनुसार सभी विवाद सुलझा लिए गए हैं और मुकदमे वापस ले लिए गए हैं।

First Published : April 14, 2025 | 10:44 PM IST