आरबीआई ने बैंक का अनुरोध ठुकराया

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:49 AM IST

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अनिल अंबानी समूह कंपनियों – रिलायंस होम फाइनैंस लिमिटेड (आरएचएफएल) और रिलायंस कमर्शियल फाइनैंस लिमिटेड (आरसीएफएल) को आईबीसी की धारा 227 के तहत कर्ज समाधान के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि पंचाट (एनसीएलटी) भेजने के बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। एक अधिकारी के अनुसार, आरबीआई इन ऋणदाताओं और दोनों कंपनियां द्वारा पिछले साल के 7 जून सर्कुलर के तहत सफल समाधान को लेकर की गई प्रगति से संतुष्ट है।
बीओबी इन दोनों कंपनियों का प्रमुख कंसोर्टियम है और उसने नियामक से इस साल मई में कंपनी को एनसीएलटी में भेजने का अनुरोध किया था। आईबीसी की धारा 227 के तहत वित्तीय सेवा कंपनियों को कर्ज समाधान के लिए एनसीएलटी के हवाले करने के लिए आरबीआई और केंद्र सरकार को विशेष अधिकार हासिल है। बीओबी ने अपना अनुरोध आरबीआई द्वारा ठुकराए जाने के बारे में गुरुवार को शेष ऋणदाताओं को अवगत कराया।
आरबीआई का यह कदम दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश के बाद बीओबी (दोनों कंपनियों का प्रमुख बैंक) के लिए दूसरा झटका है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 18 अगस्त को इन खातों को धोखाधड़ी के तौर पर वर्गीकृत किए जाने और के लिए बीओबी और ऋणदाताओं और पूरे कंसोर्टियम की पहल पर पर रोक लगा दी।
दिलचस्प है कि जहां ऑडिट फर्म एमके अग्रवाल ऐंड कंपनी द्वारा रिलायंस होम फाइनैंस पर एसबीआई द्वारा कराए गए फॉरेंसिक ऑडिट में अनिल अंबानी समूह की कंपनी को क्लीन चिट दी गई, लेकिन ग्रांट थॉर्न टन द्वारा समान खातों के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा के लिए तैयार अन्य फॉरेंसिक रिपोर्ट में होम फाइनैंस कंपनी को फ्रॉड अकाउंट के तौर पर पेश किया गया। इस साल मार्च में, रेटिंग कंपनी केयर ने आरएचएफएल का 11,726 करोड़ रुपये का ऋण डिफॉल्ट श्रेणी में शामिल किया था। जहां अनिल अंबानी कंपनियों और ऋणदाताओं के बीच कानून लड़ाई बरकरार है, वहीं बीओबी के नेतृत्व में कुछ ऋणदाताओं ने आरसीएफ और आरएचएफएल के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं जिन्हें 13 संभावित बोलीदाताओं से प्रस्ताव मिले।
ये ईओआई कैपरी ग्लोबल, इंडिया आरएफ, जेएम फाइनैंशियल एआरसी, एडलवाइस एआरसी, यूवी एआरवी, यूजीआरओ कैपिटल, एआरसीआईएल, ऑथम इन्वेस्टमेंट ऐंड इन्फ्रा लिमिटेड, ऐसेट केयर ऐंड रीकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज, सीएफएम एआरसी, इन्वेंट एआरसी, रेयर एआरसी और इंटरनैशनल ऐसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी से मिले।
होम फाइनैंस कंपनी के लिए ईओआई सौंपने की आखिरी तारीख 15 सितंबर है।
आरसीएफएल 11,000 करोड़ रुपये की एयूएम वाली एनबीएफसी है जबकि रिलायंस होम फाइनैंस की एयूएम 14,500 करोड़ रुपये से अधिक की है।
5 अगस्त को रिलायंस होम फाइनैंस ने कहा था कि लिक्विड म्युचुअल फंड में निवेश के तौर पर उसके पास 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की शुद्घ नकदी है। लेकिन ऋण अदायगी में विलंब दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए 20 नवंबर 2019 के आदेश के बाद किसी तरह की परिसंपत्तियों के कब्जे के संबंध में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोक की वजह से हुआ है।

First Published : August 30, 2020 | 11:49 PM IST