रेटिंग डाउनग्रेड का ऐक्सिस बैंक व बजाज फाइनैंस पर नहीं पड़ेगा ज्यादा असर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 7:50 AM IST

ऐक्सिस बैंक और बजाज फाइनैंस की रेटिंग घटाए जाने की वैश्विक रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स (एसऐंडपी) की कवायद का दोनों फर्मों पर शायद ही बहुत ज्यादा असर पड़ेगा क्योंकि वैश्विक उधारी का हिस्सा मामूली है। हालांकि विशेषज्ञों ने कहा कि देसी बाजारों पर इसका कुछ असर दिख सकता है।
एसऐंडपी की कवायद के बाद ऐक्सिस बैंक और बजाज फाइनैंस का इश्युअर रेटिंग्स अब बीबी प्लस है, जो कबाड़ या गैर-निवेश श्रेणी है। बजाज फाइनैंस संभावित डिफॉल्ट का ज्यादा संकेत दे रही है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी एसऐंडपी ने कहा, हमारा मानना है कि बजाज फाइनैंस की परिसंपत्ति गुणवत्ता और क्रेडिट लागत अगले 12 महीने में खराब होगी। हमने ऐक्सिस की रेटिंग में कमी अपने इस अनुमान को प्रतिबिंबत करने के लिए की है कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम जिस तरह के आर्थिक जोखिम का सामना कर रहा है वह बैंक की परिसंपत्ति गुणवत्ता और वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित करेगा।
रेटिंग की कवायद पर ऐक्सिस बैंक के प्रवक्ता ने कहा, ऐक्सिस बैंक की देसी प्रतिभूतियों की रेटिंग क्रिसिल, इक्रा, केयर और इंडिया रेटिंग्स ने एएए की है। एसऐंडपी की तरफ से रेटिंग में किए गए बदलाव का बैंक के भारतीय परिचालन पर कोई असर नहीं होगा, जिसका योगदान हमारी परिसंपत्तियों में करीब 90 फीसदी है।
बजाज फाइनैंस ने यह कहते हुए टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि नीति के तौर पर हम क्रेडिट एजेंसी की रेटिंग पर टिप्पणी नहीं करते।
इंडिया रेटिंग्स के वित्तीय क्षेत्र के प्रमुख प्रकाश अग्रवाल ने कहा, एसऐंडपी की तरफ से रेटिंग डाउनग्रेड का विदेशी उधारी के मामले में फंडिंग की लागत पर असर डाल सकता है। हालांकि ऐक्सिस बैंक और बजाज फाइनैंस की फंडों की कुल लागत पर बहुत ज्यादा असर नहींं होगा क्योंकि वहां विदेशी फंडिंग का अनुपात काफी कम है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की विश्लेषक काजल गांधी ने कहा, एसऐंडपी की तरफ से रेटिंग डाउनग्रेड का ऐक्सिस बैंक व बजाज फाइनैंस पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि विदेशी बाजार में उनका कामकाज काफी कम है।
आंकड़ों के मुताबिक, 20 मार्च को बजाज फाइनैंस की कुल देनदारी में बाह्य वाणिज्यिक उधारी की हिस्सेदारी 4 फीसदी थी। ऐक्सिस बैंक का विदेशी परिचालन सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, दुबई, शांघाई समेत 11 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शाखाओं के जरिए होता है। उनकी परिसंपत्ति में विदेशी परिचालन की हिस्सेदारी महज 10 फीसदी है। विशेषज्ञों ने कहा, रेटिंग की इस कवायद से उनकी विदेशी शाखाओं के लिए उधारी महंगी हो जाएगी।

First Published : June 29, 2020 | 12:51 AM IST