सिगरेट से लेकर साबुन बनाने वाली दिग्गज कंपनी आईटीसी ने जनवरी-मार्च तिमाही (वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही) के दौरान निरंतर परिचालन से समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 5,155.27 करोड़ रुपये रहा। कमजोर मांग वाले माहौल के बीच यह इजाफा हुआ है। एक साल पहले की अवधि में शुद्ध लाभ 5,120.55 करोड़ रुपये था। शुद्ध समायोजित आय के मामले में ब्लूमबर्ग का अनुमान 4,935.2 करोड़ रुपये था।
असाधारण लाभ की बदौलत वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही के दौरान आईटीसी का करोपरांत लाभ (पीएटी) पिछले साल की तुलना में 285 प्रतिशत बढ़कर 19,727.37 करोड़ रुपये हो गया। यह तीव्र वृद्धि 15,128.81 करोड़ रुपये के एकमुश्त असाधारण लाभ से हुई थी। यह इसके होटल कारोबार के विभाजन के कारण लेखांकन प्रविष्टि से प्रेरित रही, जो 1 जनवरी, 2025 से प्रभावी हो गई। कंपनी ने वित्त वर्ष 25 चौथी तिमाही में 20,376.36 करोड़ रुपये का समेकित सकल राजस्व दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 9.8 प्रतिशत अधिक रहा।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के जनवरी-मार्च तिमाही के शुद्ध लाभ में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। कंपनी की ओर से जारी बयान के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी (जनवरी-मार्च) तिमाही में शुद्ध लाभ 6,448 करोड़ रुपये रहा, जबकि 2023-24 की इसी तिमाही में यह 9,869 करोड़ रुपये था।
समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी को कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोल व डीजल प्रसंस्करण के लिए रिफाइनरियों को बिक्री के लिए प्रति बैरल 73.72 डॉलर की कीमत प्राप्त हुई, जो एक वर्ष पूर्व के 80.81 डॉलर प्रति बैरल से कम है। इस दौरान राजस्व एक प्रतिशत बढ़कर 34,982 करोड़ रुपये हो गया। ओएनजीसी ने इस तिमाही में 47 लाख टन कच्चे तेल का उत्पादन किया, जो जनवरी-मार्च 2024 के 47.14 लाख टन से थोड़ा कम है।
देश की सबसे बड़ी दवा निर्माता कंपनी सन फार्मास्युटिकल ने वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में अपने समेकित शुद्ध लाभ में पिछले साल के मुकाबले 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की और यह घटर 2,149.8 करोड़ रुपये रह गया, जबकि इसका परिचालनगत राजस्व 8 प्रतिशत बढ़कर 12,958.8 करोड़ रुपये हो गया। अपवाद मद को छोड़कर तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 4.8 प्रतिशत बढ़कर 2,889.1 करोड़ रुपये हो जाएगा।
स्ट्राइड्स फार्मा साइंस का शुद्ध लाभ बीते वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही में कई गुना बढ़कर 85.61 करोड़ रुपये हो गया। बेंगलूरु की इस कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 के जनवरी-मार्च तिमाही में 10.44 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया था।
कंपनी ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान परिचालन आय 1,202.37 करोड़ रुपये रही, जबकि एक साल पहले यह 1,029.95 करोड़ रुपये थी। कंपनी के निदेशक मंडल ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए चार रुपये प्रति शेयर के लाभांश की सिफारिश की है।
दीपक फर्टिलाइजर्स ऐंड पेट्रोकेमिकल्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (डीएफपीसीएल) का एकीकृत शुद्ध लाभ बीते वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में 20.74 प्रतिशत बढ़कर 277.66 करोड़ रुपये रहा। कंपनी ने बृहस्पतिवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि एक साल पहले 2023-24 की इसी तिमाही में कंपनी को 229.96 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था।
वित्त वर्ष 2024-25 की जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान कुल आय 26 प्रतिशत बढ़कर 2,716.99 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 2,158.56 करोड़ रुपये थी। कंपनी का खर्च बढ़कर 2,396.99 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 1,862.20 करोड़ रुपये था। पूरे वित्तवर्ष 2024-25 में, कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ बढ़कर 944.67 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 467.56 करोड़ रुपये था।
एमक्योर फार्मास्युटिकल्स ने वित्त वर्ष 2024-25 की मार्च तिमाही के दौरान अपने समेकित शुद्ध लाभ में सालाना आधार पर 63 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के 121 करोड़ रुपये से बढ़कर 197.2 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का परिचालनगत राजस्व बढ़कर 2,116.2 करोड़ रुपये हो गया जबकि वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही में यह 1,771.3 करोड़ रुपये था। इसमें 19.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
तिमाही आधार पर शुद्ध लाभ में 26.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि परिचालनगत राजस्व में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में क्रमशः 156 करोड़ रुपये और 1,936 करोड़ रुपये था। कंपनी ने इस वृद्धि का श्रेय एमक्योर के घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कारोबारों के दमदार प्रदर्शन को दिया। इन परिणामों पर टिप्पणी करते हुए एमक्योर फार्मास्युटिकल्स के मुख्य कार्य अधिकारी और प्रबंध निदेशक सतीश मेहता ने कहा कि कंपनी ने चौथी तिमाही में काफी जोरदार प्रदर्शन किया है और सभी कारोबारी श्रेणियों ने उसकी वृद्धि में योगदान दिया है।
घरेलू दूरसंचार उपकरण विनिर्माता एचएफसीएल को मार्च तिमाही में 83 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। मुख्य रूप से आप्टिकल फाइबर की मांग में कमी के कारण कंपनी को घाटा हुआ है। कंपनी को एक साल पहले इसी तिमाही में 109 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध लाभ हुआ था।
एचएफसीएल ने कहा कि तिमाही के दौरान एकीकृत राजस्व 800.72 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले की समान तिमाही के 1,326 करोड़ रुपये से लगभग 39 प्रतिशत कम है। 31 मार्च, 2025 को समाप्त वर्ष के दौरान, कंपनी का शुद्ध लाभ 49 प्रतिशत घटकर 173.26 करोड़ रुपये रहा जो वित्तवर्ष 2023-24 में 337.52 करोड़ रुपये था। एचएफसीएल के प्रबंध निदेशक महेंद्र नाहटा ने कहा, ‘वित्त वर्ष 2024-25 रणनीतिक उन्नति और संक्रमणकालीन चुनौतियों दोनों का वर्ष रहा।