तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के निदेशक (रणनीति और कॉर्पोरेट मामले) अरुणांशु सरकार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी अपतटीय रिग्स और ड्रिलिंग प्लेटफार्मों पर प्रमुख तकनीकी पदों पर कर्मचारियों को आउटसोर्स करने की योजना बना रही है और प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना के तहत चुने गए मान्यता प्राप्त प्रशिक्षुओं को इसमें शामिल किया जाएगा।
बहरहाल सरकार ने कहा कि अन्वेषण और उत्पादन दिग्गज कंपनी को अभी तक 6,000 इंटर्नशिप पदों को भरने के लिए पर्याप्त आवेदन प्राप्त नहीं हुए हैं। सरकार ने कहा, ‘हम रिग्स और प्लेटफॉर्म पर तकनीकी कामों को आउटसोर्स करने की योजना बना रहे हैं। हम संचालन के इन क्षेत्रों में इंटर्न को प्रशिक्षित करने और उन्हें प्रमाणित करने की योजना बना रहे हैं। हम परिचालन और रखरखाव (ओऐंडएम) कंपनियों से उन्हें भर्ती करने को कहेंगे और उन्हें प्रमाणपत्र दिया जाएगा।’
यह कदम इस सेक्टर में कंपनी के कौशल विस्तार के लक्ष्य का भी हिस्सा है। सरकार ने कहा, ‘हम ओऐंडएम कॉन्ट्रैक्टरों के माध्मय से तटीय व अपतटीय परियोजनाओं में इंटर्न से काम लेंगे। इस समय कॉन्ट्रेक्टरों द्वारा भेजे जाने वाले कर्मियों की गुणवत्ता बहुत कम है। अक्सर वे कम प्रशिक्षित होते हैं और उन्हें कोई अनुभव नहीं होता है। हमारी इस पहल से संयंत्रों में सुरक्षा बढ़ेगी, क्योंकि इंटर्न को एक खास भूमिका के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।’
सरकार ने यह भी कहा कि ओएनजीसी ने गुजरात के मेहसाणा में नंदसन समूह के गैदरिंग स्टेशन पर ग्रीन हाइड्रोजन प्रायोगिक परियोजना पूरी कर ली है। कंपनी ने तेल व गैस के कुओं से मिले इलेक्ट्रोसाइकल वेस्टवाटर से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन शुरू कर दिया है।
ओएनजीसी ने बेंगलूरु में एक और प्रायोगिक परियोजना से 40 से 50 किलो हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। आंध्र प्रदेश में टाटीपाका रिफाइनरी और कर्नाटक