दवा फर्म पीरामल फार्मा ने वर्ष 2029-30 तक अपना राजस्व दोगुना कर 2 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। साथ ही कंपनी का एबिटा तीन गुना हो जाएगा और उसने वित्त वर्ष 2030 तक अपना शुद्ध कर्ज एबिटा स्तर के मौजूदा 2.9 गुना से घटाकर 1 गुना पर लाने का लक्ष्य तय किया है। बीएसई पर पीरामल फार्मा का शेयर दिन के कारोबार में 9 प्रतिशत चढ़ने के बाद आखिर में 227 रुपये पर बंद हुआ।
कंपनी की अध्यक्ष नंदिनी पीरामल ने आज संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने वित्त वर्ष 2030 तक 25 प्रतिशत एबिटा मार्जिन के साथ 1.2 अरब डॉलर की कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट ऐंड मैन्युफेक्चरिंग (सीडीएमओ) कंपनी बनने का लक्ष्य रखा है। साथ ही, उसके क्रिटिकल केयर बिजनेस वर्टिकल का राजस्व वित्त वर्ष 2030 तक 25 प्रतिशत एबिटा मार्जिन के साथ 60 करोड़ डॉलर पर पहुंच सकता है और कंज्यूमर हेल्थकेयर व्यवसाय तब तक दो अंक के एबिटा मार्जिन के साथ 20 करोड़ डॉलर के कारोबार को छू सकता है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इक्विटी विकल्प के जरिये कोष नहीं जुटाया जाएगा, लेकिन डेट और आंतरिक स्रोतों दोनों के जरिए विस्तार और निवेश संबंधी जरूरतें पूरी की जाएंगी। इस समय पीरामल फार्मा का एबिटा मार्जिन 17 प्रतिशत है और 2023-24 तक उस पर 4,000 करोड़ रुपये का शुद्ध ऋण था।
पीरामल ने कहा है कि अगले पांच साल के दौरान कंपनी का लक्ष्य अपने सीडीएमओ राजस्व को दोगुना करना है, जो 6-7 प्रतिशत की बाजार दर से दोगुनी रफ्तार से बढ़ेगा। सीडीएमओ व्यवसाय का अब पीरामल फार्मा के राजस्व में 58 प्रतिशत योगदान है जबकि 12 प्रतिशत भारतीय कंज्यूमर हेल्थ व्यवसाय से आता है और 32 प्रतिशत कॉम्पलेक्स हॉस्पिटल जेनेरिक व्यवसाय से प्राप्त होता है।
अमेरिकी बायोसिक्योर ऐक्ट से सीडीएमओ व्यवसाय में और मजबूती आने की संभावना है। अगर अमेरिकी संसद इसे मंजूरी दे देती है तो बायोसिक्योर अधिनियम अमेरिकी संघीय एजेंसियों को ‘कुछ खास जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों’, मुख्य रूप से बड़ी चीनी फार्मा कंपनियों से उपकरण और सेवाएं खरीदने से प्रतिबंधित कर देगा। पीरामल ने कहा कि उसने इस वर्ष मार्च से कई ग्राहकों से प्रस्ताव अनुरोधों (आरएफपी) में वृद्धि देखी है। पीरामल फार्मा की कच्चे माल के लिए चीन पर ज्यादा निर्भरता नहीं है। वह अपना 12 प्रतिशत कच्चा माल चीन से खरीदती है। इसके अलावा, अमेरिका में विनिर्माण आधार होने से ऑर्डर प्राप्त करने में भी मदद मिल सकती है।
वह अब 500 सीडीएमओ ग्राहकों को सेवाएं देती है, जिनमें से एक तिहाई बड़ी फार्मा कंपनियां हैं। एक तिहाई उभरती हुई बायोफार्मा कंपनियां हैं और एक तिहाई जेनेरिक कंपनियां शामिल हैं। पीरामल ने कहा है कि बायोटेक फंडिंग में इस साल सुधार आया है। हालांकि जुलाई और अगस्त में इसमें कुछ नरमी देखी गई थी।
विविध ग्राहक मिश्रण से बायोटेक वित्तपोषण अस्थिरता से बचाव में मदद मिलेगी। कॉम्पलेक्स जेनेरिक्स व्यवसाय में पीरामल फार्मा इन्हेलेशन एनेस्थेशिया खंड में वैश्विक दिग्गज है और वह लाइसेंसिंग सौदों के साथ साथ सह-विकास सौदों के लिए स्वतंत्र है।