दूरसंचार विभाग की ओर से 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी और आगे टलती नजर आ रही है।
सरकार के बीच इस मसले पर सहमति नहीं हो पाने की वजह से अब स्पेक्ट्रम नीलामी पर फैसला नई सरकार में ही हो पाएगा। 3जी स्पेक्ट्रम नीलामी पहले ही अपने तय समय से तीन बार टल चुकी है। पहले फरवरी में इसकी नीलामी की योजना बनाई गई थी।
लेकिन इसकी रिजर्व कीमत को लेकर मंत्रालयों के बीच मतभेद हो गया, जिससे इस पर फैसला नहीं लिया जा सका। हालांकि समझौता होने के बाद रक्षा मंत्रालय ने 15 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम देने पर राजी हो गई।
सरकार ने 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 30,000-35,000 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा था, लेकिन मंदी की वजह से ऐसा कठिन हो सकता है।
